डीएनए हिंदी: छत्तीसगढ़ के बाद मंगलवार सुबह-सुबह इंडोनेशिया में भूकंप (Earthquake) के झटकों से धरती कांप उठी. राजधानी बाली में तड़के भूकंप आया, जिससे लोग सहम गए. इस भूकंप की तीव्रता  रिएक्टर पैमाने पर 6.8 मापी गई. यूरोपीय-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) के हवाले से रॉयटर्स ने यह जानकारी दी. बताया जा रहा है कि जिस वक्त भूकंप आया लोग अपने घरों में सो रहे थे. तभी अचानक चीजें हिलने लगीं और लोग घरों से निकलकर बाहर भागे.

इससे पहले सोमवार रात छत्तीसगढ़ के उत्तरी क्षेत्र सरगुजा जिले में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. इस घटना में अभी तक जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर शहर के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए. अधिकारियों ने बताया कि पहला झटका देर शाम आठ बजकर चार मिनट पर आया.

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अंबिकापुर से 9 km दूर था भूकंप का केंद्र
इसका केंद्र अंबिकापुर से नौ किलोमीटर दूर सतह से लगभग 10 किलोमीटर नीचे था. इसकी तीव्रता रिएक्टर पैमाने पर 3.8 मापी गई है. उन्होंने बताया कि दूसरा झटका देर शाम 8.26 बजे महसूस किया गया. इसकी तीव्रता 3.9 तीव्रता मापी गई. इसका केंद्र अंबिकापुर शहर से 10 किलोमीटर दूर पूर्व में लगभग 11 किलोमीटर की गहराई पर था.

अधिकारियों ने बताया कि दोनों भूकंप कम तीव्रता के थे. इससे कच्चे मकानों को नुकसान होने की आशंका रहती है. सरगुजा जिले के अधिकारियों ने बताया कि संभाग के अन्य जिलों में भी भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए. भूकंप के झटके महसूस होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकल आए.

क्यों आता है भूकंप?
धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहते हैं. ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिसे टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जब ये प्लेट बहुत ज्यादा हिल जाती हैं, तो भूकंप महसूस होता है.  

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भूकंप की तीव्रता कैसे मापी जाती है?
भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है. भूकंप की तीव्रता का अंदाजा केंद्र (एपीसेंटर) से निकलने वाली ऊर्जा की तरंगों से लगाया जाता है. इन तरंगों से सैंकड़ो किलोमीटर तक कंपन होता है और धरती में दरारें तक पड़ जाती है.  

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भूकंप के झटकों से कांपी धरती, घरों में सो रहे लोगों की उड़ी नींद
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भूकंप के झटकों से कांपी धरती, घरों में सो रहे लोगों की उड़ी नींद, जानें कितनी थी तीव्रता
 

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