डीएनए हिंदी: पूरा भारत आज विजयदशमी का त्योहार मना रहा है. विजयदशमी पर RSS का स्थापना दिवस भी होता है. इस खास मौके पर नागपुर के रेशमबाग स्थित RSS मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने विजयादशमी कार्यक्रम को संबोधित संबोधित किया. इस दौरान मोहन भागवत ने मंच से महिला, मुसलमान, जनसंख्या और रोजगार पर संघ का दृष्टिकोण बताया. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि शक्ति शांति का आधार है. आइए 10 पॉइंट्स में आपको बताते हैं RSS प्रमुख मोहन भागवत के भाषण की बड़ी बातें.

  1. जो सब काम मातृ शक्ति कर सकती है वह सब काम पुरुष नहीं कर सकते, इतनी उनकी शक्ति है और इसलिए उनको इस प्रकार प्रबुद्ध, सशक्त बनाना, उनका सशक्तिकरण करना और उनको काम करने की स्वतंत्रता देना और कार्यों में बराबरी की सहभागिता देना अहम है. हमें अपनी महिलाओं को सशक्त बनाना होगा. महिलाओं के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता.
  2. जनसंख्या को संसाधनों की आवश्यकता है. यदि यह बिना संसाधनों का निर्माण किए बढ़ती है तो यह एक बोझ बन जाती है. एक और दृष्टिकोण है जिसमें जनसंख्या को एक संपत्ति माना जाता है. हमें दोनों पहलुओं को ध्यान में रखते हुए सभी के लिए जनसंख्या नीति पर काम करने की आवश्यकता है.
  3. धर्म आधारित जनसंख्या असंतुलन एक महत्वपूर्ण विषय है जिसकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए. जनसंख्या असंतुलन से भौगोलिक सीमाओं में परिवर्तन होता है. जन्म दर में अंतर के साथ-साथ बल द्वारा धर्मांतरण, लालच या लालच और घुसपैठ भी बड़े कारण हैं.
  4. यह एक मिथक है कि करियर के लिए अंग्रेजी महत्वपूर्ण है. नई शिक्षा नीति से छात्र उच्च संस्कारी, अच्छे इंसान बनें जो देशभक्ति से भी प्रेरित हों- यही सबकी इच्छा है. समाज को इसका सक्रिय रूप से समर्थन करने की आवश्यकता है.
  5. रोज़गार मतलब नौकरी और नौकरी के पीछे ही भागेंगे और वह भी सराकरी. अगर ऐसे सब लोग दौड़ेंगे तो नौकरी कितनी दे सकते हैं? किसी भी समाज में सराकरी और प्राइवेट मिलाकर ज़्यादा से ज़्यादा 10, 20, 30 प्रतिशत नौकरी होती हैं. बाकी सब को अपना काम करना पड़ता है.
  6. मंदिर, जल और श्मशान भूमि सबके लिए समान होनी चाहिए. हमें छोटी बातों पर नहीं लड़ना चाहिए. ऐसी बातें जैसे कोई घोड़े की सवारी कर सकता है और दूसरा नहीं कर सकता. इन बातों की समाज में कोई जगह नहीं होनी चाहिए. हमें इसके लिए काम करना होगा.
  7. हिंदू राष्ट्र की अवधारणा की चर्चा हर तरफ हो रही है. कई लोग अवधारणा से सहमत हैं लेकिन 'हिंदू' शब्द के विरोध में हैं और दूसरे शब्दों का उपयोग करना पसंद करते हैं. हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है. अवधारणा की स्पष्टता के लिए - हम अपने लिए हिंदू शब्द पर जोर देते रहेंगे.
  8. लोगों को गलत के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, लेकिन कानून के दायरे में रहकर काम करना चाहिए। गलत के खिलाफ आवाज उठाना सामान्य हो जाना चाहिए...हम सभी को एक होकर रहना होगा. 
  9. कुछ लोगों द्वारा डरा-धमका कर यह कहा जा रहा है कि हमारी वजह से अल्पसंख्यकों को खतरा है. यह न तो संघ का स्वभाव है और न ही हिंदुओं का. संघ ने भाईचारे, भाईचारे और शांति के पक्ष में खड़े होने का संकल्प लिया है.
  10. कोविड के बाद हमारी अर्थव्यवस्था सामान्य स्थिति में लौट रही है. विश्व के अर्थशास्त्री भविष्यवाणी कर रहे हैं कि यह अभी और बढ़ेगी. .खेलों में भी हमारे खिलाड़ी देश को गौरवान्वित कर रहे हैं.

पढ़ें- संघ प्रमुख भागवत बोले- गलत खाना खाकर भटक रहे लोग, मांस-मछली से बनाइए दूरी

पढ़ें- इमामों के मुखिया उमर अहमद इलियासी ने RSS चीफ मोहन भागवत को कहा 'राष्ट्रपिता'

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर. 

Url Title
Dussehra RSS Chief Mohan Bhagwat talks about Females Muslim Employment Education 10 Big Points
Short Title
Dussehra: RSS प्रमुख ने महिला, मुसलमान और जनसंख्या पर की बात
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
RSS Chief Mohan Bhagwat
Caption

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत

Date updated
Date published
Home Title

Dussehra: RSS प्रमुख ने महिला, मुसलमान और जनसंख्या पर की बात, 10 पॉइंट्स में जानिए क्या कहा