डीएनए हिंदी: शिवसेना (Shiv Sena) की स्थापना के 56 साल से ज्यादा हो गए हैं. मुंबई का शिवाजी पार्क, अब तक शिवसेना के शक्ति प्रदर्शन का अड्डा होता था लेकिन अब यह पार्टी दो धड़ों में बंट गई है. जून में विभाजन के बाद अब एकनाथ शिंदे गुट जहां यह साबित करना चाहता है कि असली शिवसेना की कमान उनके हाथों में हैं. वहीं उद्धव ठाकरे का जोर इस बात पर है कि वह जनता को बता दें कि उनके साथ राजनातिक धोखा हुआ है, जबकि जनता उनके साथ ही है. आज, दशहरे की रैली यह साबित कर देगी कि महाराष्ट्र में किसका जलवा कायम है.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना शिवाजी पार्क में रैली आयोजित करने की तैयारी कर रही है. पुरानी शिवसेना, शिवाजी पार्क को शिवतीर्थ बुलाती है. बीते 2 साल को छोड़ दिया जाए तो शिवसेना साल 1996 से लेकर अब तक हर साल यहां दशहरा रैली आयोजित करती रही है. यह पार्क हथियाने की कोशिश में एकनाथ शिंदे गुट भी था लेकिन इजाजत नहीं मिली. अब शिंदे गुट बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी (MMRDA) मैदान में अपनी रैली कर रही है. दोनों राजनीतिक पार्टियों के सामने खुद को स्थापित करने की चुनौती है.
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हर साल विजयदशमी के दिन शिवसेना मध्य मुंबई में दादर के पास शिवाजी पार्क मैदान में मेगा रैली आयोजित करती रही है. पूरे राज्य से शिवसेना के नेता, पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक रैली में शामिल होने मुंबई पहुंचते हैं. अब शिंदे गुट और ठाकरे गुट दोनों चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा शिवसैनिक इस रैली में पहुंचे, जिससे राज्य पर उनकी दावेदारी साबित हो सके.
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किस गुट की क्या है तैयारी?
दशहरा रैली पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे, दोनों गुट ज्यादा से ज्यादा भीड़ जुटाने की कोशिशों में जुटे हैं. इस रैली में करीब 10 हजार गाड़ियों में शिवसैनिक मुंबई पहुंचने वाले हैं. इनमें 6 हजार सरकारी और निजी बसें भी शामिल हैं. ऐसा खबरें सामने आ रही हैं कि करीब 3 हजार कारों से भी लोग रैलियों में पहुंच रहे हैं. आइए जानते हैं किस गुट की कितनी तैयारी है.
एकनाथ शिंदे की रैली में कितनी होगी भीड़?
शिवसेना पर दहशरा रैली के लिए एकनाथ शिंदे गुट ने 1,800 सरकारी बसों की बुकिंग कर ली है. शिंदे खेमे से जुड़े लोगों का कहना है कि इसके लिए 10 करोड़ से ज्यादा खर्च किया गया है. रिपोर्ट्स के मुताबिक शिंदे गुट ने एसी ट्रेनों में भी 1,800 से ज्यादा रिजर्वेशन कराया है. 3,000 से ज्यादा कारों की बुकिंग भी हो चुकी है. दावा किया जा रहा है कि इस रैली में एक लाख से लेकर डेढ़ लाख तक की भीड़ हो सकती है.
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एकनाथ शिंदे खुद को स्थापित करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं. शिंदे गुट के विधायक और मंत्री भी भीड़ जुटाने के लिए हर जिले में दौरा कर रहे हैं. शिवसैनिकों के लिए खाने के खास इंतजाम भी किए गए हैं. अब देखने वाली बात यह होगी कि शिवसैनिक ठाकरे परिवार पर अपनी आस्था जताते हैं या एकनाथ शिंदे के साथ चले जाते हैं.
क्या है उद्धव ठाकरे की तैयारी?
उद्धव ठाकरे, अपनी शिवसेना को असली शिवसेना कहते हैं. उन्हें यह शिवसेना अपने पिता बाल ठाकरे से मिली है. हर साल पार्टी के केंद्र बिंदु में वही होते थे. अब हालात बदल गए हैं. जून के बाद से ही लगातार उनके अपने एक के बाद एक झटके दे रहे हैं. उनके गुट ने करीब 1,400 प्राइवेट बसों को बुक किया है.
मुंबई में शिवसेना शाखा प्रमुखों, नगरसेवकों से अपील की गई है कि वे अपनी ओर से ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोगों को लेकर आएं. उन्हें अपने खर्चे पर कार्यकर्ताओं को लाने के लिए कहा गया है. उनकी भी रैली में 1 लाख तक की भीड़ होने की संभावना है. ठाकरे परिवार के समर्थक भी महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में हैं. ऐसे में यह हो सकता है कि सत्ता में होने के बाद भी एकनाथ शिंदे की रैली से ज्यादा भीड़ उद्धव ठाकरे की रैली में हो जाए.
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