डीएनए हिंदी: त्रेतायुग में 14 वर्षों के वनवास के बाद श्रीराम अयोध्या में अपने महल में पधारे थे, अब 500 वर्षों के वनवास के बाद श्रीराम अपने महल में विराजमान हुए हैं. हम सभी सौभाग्यशाली हैं कि हमें इस महान क्षण को अनुभव करने का मौका मिला है. अपने मंदिर में विराजमान हुए रामलला की मूरत करोड़ों रामभक्तों के दिल में बस चुकी है. प्रभु राम की मुस्कुराहट.. उनके चेहरे का तेज..भव्यता.. दिव्यता.. रामलला की एक झलक पाते ही करोड़ों रामभक्तों को एक नई ऊर्जा..एक नई शक्ति मिली है. हर रामभक्त का सपना था कि वो अपनी आंखों के सामने श्रीराम को उनके जन्मस्थान पर विराजमान होते देखें. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना था कि करोड़ों रामभक्तों के इस सपने को पूरा करना, आज प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीराम से किये अपने वादे को करोड़ों रामभक्तों को दिये अपने भरोसे को पूरा किया है. ये दिन उन सब रामभक्तों को याद करने का दिन है, जिन्होंने राममंदिर निर्माण के लिए संघर्ष किया और अपने संपूर्ण जीवन को बलिदान किया. 


ये उमंग और उत्सव का अवसर है.

ये उल्लास के साथ प्रभु श्रीराम की भक्ति में खो जाने का अवसर है.

ये श्रीराम के प्रति अपनी अटूट भक्ति को दर्शाने का अवसर है.

ये प्रगति और सनातन परंपरा के उत्सव का अवसर है.

आज का दिन शांति और ज्ञान के एक नए युग की शुरुआत का अवसर है.

देश को शांति, सद्भाव और समृद्धि की कामना का अवसर है.

आज का दिन हमारे समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास को याद करने और याद रखने का अवसर है.

आज का दिन उस विश्वास का सम्मान करने का अवसर है..जो कभी नहीं डिगा.

आज का दिन ये याद दिलाने का अवसर है कि हम राम के आदर्शों से एकजुट एक राष्ट्र हैं.

रामजन्मभूमि पर श्री रामलला विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा...राष्ट्रीय गौरव का ऐतिहासिक अवसर है इसलिए आज का DNA हम सबके प्रभु श्रीराम को समर्पित है...

आज दुनियाभर में मौजूद हिंदू धर्म के मानने वालों की 500 वर्षों की तपस्या पूरी हो गई. करीब 3 दशकों तक टेंट में रामलला को देखकर, जो संत आंसू बहाते थे, वो आज खुशी से झूम रहे थे. शहनाइयों की धुन...शंख की गूंज के बीच आज भव्य राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हुआ. श्रीराम का मोहक बाल रूप देखकर, वहां मौजूद लोग धन्य हो गए.  जो लोग घर बैठे अपने टीवी या मोबाइल फोन स्क्रीन पर श्रीराम के इस रूप को देख रहे हैं, यकीनन वो भी साक्षात अपने श्रीराम के दर्शनों के लिए अयोध्या आने के लिए लालायित होंगे.श्रीराम के बालरूप की प्राण प्रतिष्ठा के लिए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले 11 दिनों से व्रत कर रहे थे. वो जमीन पर सोकर और खुद के हाथों से होने वाले अद्वितीय कार्य के लिए तन और मन से खुद को शुद्ध कर रहे थे. आज जब वो मंदिर परिसर में दाखिल हुए, सबकी नजरें उन पर ही थी क्योंकि उनके आने का मतलब था, प्राण प्रतिष्ठा की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. सुनहरे रंग का भारतीय परिधान पहने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेज़ कदमों से श्रीराम मंदिर की पैड़ियों की तरफ बढ़े. उनके हाथों में लाल रंग का अंगवस्त्र और उस पर चांदी का एक छत्र था, जिसे रामलला को समर्पित किया जाना था. शहनाई और शंख की ध्वनि ने प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम को और भी राममय कर दिया था. 

जब पीएम मोदी ने राम मंदिर में ली एंट्री 

राम मंदिर की सीढ़ियों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गर्भगृह तक बढ़े तो गर्भगृह के रास्ते में पड़ने वाले 5 मंडपों से होकर उन्हें गुजरना था. सिंहद्वार से राम मंदिर में जब प्रधानमंत्री ने एंट्री ली तो वो नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप से होते हुए गर्भगृह से कुछ दूरी पर रुक गए. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरू करने के विधि विधान के मुताबिक उन्हें संकल्प लेना था. पीएम नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के यजमान थे, इसलिए उनके लिए गर्भगृह के बाहर आसन लगा हुआ था, जिस पर वो बैठ गए. इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को संपन्न करवाने के लिए वहीं कई जगहों से आए प्रकांड पंडित भी बैठे हुए थे.  इसके बाद मंत्रोच्चार शुरू हुआ, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संकल्प लिया. यहां पर उनके साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और आरएसएस सर संघ चालक मोहन भागवत मौजूद थे. इसके अलावा वहां पर राम मंदिर ट्रस्ट से जुड़े संत भी मौजूद थे. संकल्प के समय गर्भगृह पर पर्दा डला हुआ था, उसके अंदर ही रामलला विराजमान थे. संकल्प की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, पीएम मोदी गर्भगृह में चले गए. यहां पर कई संत पहले से मौजूद थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां जैसे ही श्रीराम के बालरूप को देखा, तो बार-बार देखते रहे. मंदिर के पुजारियों ने यहां से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरूआत की. पीएम मोदी यहीं पर अपने लिए लगे एक आसन पर बैठ गए और मंत्रोच्चार के बीच प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य कार्यक्रम शुरू हुआ. 

जब दुनिया ने किया श्रीराम के दर्शन 

प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आखिरी चरणों में था, जब शंख और शहनाइयां गूंजी तो पूरी दुनिया ने पहली बार श्रीराम के दर्शन किए. श्रीराम की ये प्रतिमा मन को मोह लेने वाली है.  शालिग्राम पत्थर से बनी होने की वजह से ये मूर्ति श्याम वर्ण यानी काले रंग की है. 5 साल के बच्चे रूप में दिख रहे श्रीराम, मुस्कुराते हुए नजर आते हैं. उनके सिर पर सोने का मुकुट है, जिसमें कई तरह के रत्न लगे हैं. राम लला के माथे पर एक बड़ा सा टीका भी लगा है, जो हीरों से बना हुआ है. इसके अलावा रामलला ने सोने के बड़े-बड़े कुंडल भी पहने हुए हैं. रामलला के गले में एक गलाबंद भी पहना हुआ है, जो सोने और छोटे-छोटे मोतियों से बना है, इसमें माणिक्य रत्न जड़ा हुआ है. सिर्फ यही नहीं, रामलला ने सोने की माला भी पहनी हुई हैं, ये माला उनके पैरों तक लंबी हैं. इसके अलावा रामलला ने छोटे-छोटे सोने के कई हार भी पहने हुए हैं. हार में माणिक्य और पन्ना जैसे रत्न जड़े गए हैं, जो उसे और खूबसूरत बनाते हैं. श्रीराम ने दोनों हाथों में सोने के बड़े-बड़े कंगन पहने हुए हैं, इसमें सोने की कारीगरी की गई है. रामलला के हाथों में सोने का तीर और धनुष भी है, जो उनको अलौकिक रूप दे रहा है. रामलला ने पीतांबर यानी पीले रंग के कपड़े पहने हुए हैं. 

ये भी पढ़ें: Bharat Jodo Nyay Yatra: 'बीजेपी-RSS की विचारधारा मणिपुर को कर रही नष्ट', मेघालय में बोले राहुल गांधी
 

 पूरे देश में दिवाली जैसा माहौल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने के बाद प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचे लोगों ने श्रीराम के दर्शन किए. आज पूरे देश में दिवाली जैसा माहौल है. त्रेतायुग में जब 14 वर्षों के वनवास के बाद श्रीराम वापस अयोध्या लौटे थे, तब उनकी वापसी की खुशी में अयोध्या के लोगों ने अपने घरों में दीये जलाए थे. वहीं से हिंदू धर्म में दिपावली की शुरुआत हुई थी. आज देश को दीपावली मनाने का दूसरा मौका मिल गया है. 500 वर्षों के वनवास और करीब 32 वर्षों तक टेंट में रहने के बाद आज श्रीराम की उनके महल में वापसी हुई है. आज पूरा देश दीपावली मना रहा है, सरयू के घाट को दीयों से सजाया गया है. अयोध्या नगरी आज मंदिर में श्रीराम के लौटने की खुशियां मनी रही है. पूरे देश में आज कलश यात्रा, रैलियां, रथ यात्रा निकाली जा रही है. घरों में दीये जलाए जा रहे हैं. छोटे-छोटे मंदिरों में श्रीराम के भव्य मंदिर में वापसी की खुशियां मनाई जा रही हैं.  आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश के लोगों से रामलला के भव्य मंदिर में लौटने की खुशी में दीपोत्सव मनाने की अपील तो की ही थी, उन्होंने खुद ही अपने घर पर दीपोत्सव मनाया. पीएम मोदी की अपील का असर कहिए या फिर लोगों के मन में बसे राम नाम की महिमा, पूरा देश आज श्रीराम की भक्ति में डूबा हुआ है. सर्दियों के इस मौसम में श्रीराम की भक्ति की लहर चल रही है. 

ये भी पढ़ें: 3 साल तक DTC बस चलाता रहा कलर ब्लाइंड ड्राइवर, पोल खुली तो हाईकोर्ट ने मांग लिया जवाब

विदेशों में भी दिखाई दी राम नाम की धूम 

न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर पर राम नाम की गूंज सुनाई दी, यहां प्रवासी भारतीय रामभक्ती में डूबे हुए दिखे. हाथों में श्रीराम नाम का झंडा बुलंद किये हुए थे. लोगों ने राम नाम के जयकारों के साथ यहां का वातावरण राममयी कर दिया. मेक्सिको में भी माहौल राममयी रहा. आपको बता दें कि मेक्सिको में पहला राम मंदिर स्थापित किया गया है. मेक्सिको में प्रवासी भारतीयों ने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम हर्षोउल्लास के साथ मनाया, इस विशेष अवसर पर मेक्सिको में पहले राम और हनुमान मंदिर की स्थापना की गई. जिन मूर्तियों की मेक्सिको में प्राण प्रतिष्ठा की गई, रामभक्त उन मूर्तियों को भारत से लेकर गए थे. यहां अमेरिकी धर्मगुरु ने धार्मिक अनुष्ठान पूरे कराये. प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रभु राम की धुन में पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया और उनका परिवार भी भावविभोर हो गया. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से ठीक पहली रात ह्यूस्टन के वडटल धाम में विशेष आयोजन किया गया था, जिसमें सैंकड़ों लोग शामिल हुए. राममंदिर बनने की खुशी और उसमें रामलला के विराजमान होने के खुशी को उत्सव की तरह मनाया गया, आतिशबाजी के साथ यहां रामभक्त बेहद उत्साहित दिखे.  इसी कार्यक्रम में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर दानिश कनेरिया और उनकी पत्नी ने जय श्रीराम के नारे लगाए और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा पर अपनी खुशी और रामभक्ती का परिचय दिया. 

डेनमार्क में भी मनाया गया उत्सव 

प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर अयोध्या में बना है लेकिन प्रभु राम के भक्त दुनियाभर में बसते हैं, उनके ह्रदय में रामलला वास करते हैं. यही वजह है कि राम नाम दुनिया में गूंज रहा है, इसकी एक झलक डेनमार्क में भी दिखाई दी. अयोध्या से साढ़े 6 हज़ार किलोमीटर दूर डेनमार्क में भी प्रभु राम का नाम छाया रहा, यहां विदेशी रामभक्त रामधुन पर झूमने लगे. इसके साथ ही यहां विशेष आयोजन कर सैंकड़ों महिलाओं ने प्रभु राम की पूजा अर्चना की. रामभक्तों ने भजन कीर्तन किया और राम नाम जपते दिखाई दिये. भगवान राम के प्रति ऐसी आस्था भावुक करने वाली है. प्रभु श्रीराम का श्रीलंका से विशेष नाता रहा है. ऐसे में भव्य राममंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो और श्रीलंका में जश्न ना मनाया जाए, ऐसा हो ही नहीं सकता. श्रीलंका के सीता एलिया मंदिर में आज उत्सव जैसा माहौल रहा. कहा जाता है कि सीता एलिया वही जगह है, जहां रावण ने माता सीता को कैद करके रखा था. यहां मौजूद लोगों ने रघु पति राघव राजा राम गीत गाया. इसके अलावा श्रीलंका के रंबोदा हनुमान मंदिर में भी इस दौरान त्योहार जैसा माहौल रहा. यहां सैंकड़ों रामभक्तों ने पूजा अर्चना की और प्रभु श्रीराम के जयकारे लगाए. माना जाता है कि मां सीता की तलाश के दौरान इसी जगह पर भगवान हनुमान ने विश्राम किया था. 

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

 

Url Title
DNA TV Show ram mandir pran pratishtha Apart from India festival celebrated in foreign countries
Short Title
DNA TV Show: विदेशों तक में बजी राम नाम की धुन, वहां भी मनी दिवाली
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
ram mandir
Caption

Ram Mandir 

Date updated
Date published
Home Title

DNA TV Show: विदेशों तक में बजी राम नाम की धुन, वहां भी मनी दिवाली 
 

Word Count
1808
Author Type
Author