लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) में अमेठी की सीट चर्चा में है. तमाम अटकलों के बाद आखिरकार कांग्रेस ने यहां से उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है. स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के सामने किशोरी लाल शर्मा उम्मीदवार हैं. इस उम्मीदवारी के ऐलान के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस दोनों अपनी जीत का दावा कर रहे हैं. स्मृति जहां गांधी परिवार के डर कर भागने पर तंज कस रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि जनता इस बार झूठे भुलावे में नहीं आने वाली है. अमेठी से तनवीर आजम की यह खास ग्राउंड रिपोर्ट पढ़ें.
आसान नहीं है स्मृति की डगर
बीजेपी (BJP) और स्मृति ईरानी के लिए अमेठी इस बार भी एक कठिन लड़ाई है. अमेठी से गांधी परिवार का पुराना संबंध रहा है और क्षेत्र में किशोरी लाल शर्मा एक परिचित चेहरा हैं. इसके अलावा, अमेठी के आम लोगों के बीच में अभी भी गांधी परिवार के लिए सहानुभूति बरकरार है. DNA टीम के साथ बातचीत करते हुए बहुत से वोटरों ने माना कि 2019 में राहुल गांधी के लिए वोट नहीं करके उन्होंने गलती की है. इस बार वह अपनी इस गलती को सुधारना चाहते हैं.
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संजय गांधी अस्पताल और बेरोजगारी है बड़ा मुद्दा
कांग्रेस समर्थक मतदाताओं के बीच खास तौर पर दो मुद्दों को लेकर सरकार और स्थानीय सांसद स्मृति ईरानी से भारी नाराजगी है. बढ़ती बेरोजगारी लोगों के बीच एक ज्वलंत मुद्दा है. इसके अलावा, प्रदेश की बीजेपी सरकार के संजय गांधी अस्पताल को बंद करने की कोशिशों से भी स्थानीय लोग बेहद नाराज हैं. यह अस्पताल इस क्षेत्र के लोगों के लिए बड़ा सहारा है. अस्पताल बाद में कोर्ट के दखल के बाद खुला, लेकिन उस दौरान हुई परेशानी की नाराजगी अब तक मतदाताओं के मन से नहीं गई है. पुराने मतदाताओं के बीच में गांधी परिवार से एक भावनात्मक जुड़ाव है और यह बात भी कांग्रेस के पक्ष में जाती है.
फ्री राशन और युवाओं के बीच BJP को बढ़त
बीजेपी के लिए अमेठी में कुछ चीजें पक्ष में जाती हैं. गरीबों और युवाओं के बीच बीजेपी की लोकप्रियता बरकरार है. फ्री राशन योजना पार्टी के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है. स्मृति ईरानी की क्षेत्र में सक्रियता भी उनके पक्ष में जाती है, क्योंकि स्थानीय लोग उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं. नई सड़कें, पानी की सप्लाई और बिजली सप्लाई के क्षेत्र में किए गए काम भी स्मृति के पक्ष में जाते हैं.
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मोदी फैक्टर और राम मंदिर भी अहम मुद्दा
बीजेपी के लिए मोदी फैक्टर और राम मंदिर दो ऐसे मुद्दे हैं, जो अमेठी में प्रभावी है. राम मंदिर के निर्माण और प्राण प्रतिष्ठा से स्थानीय लोग खुश हैं. आने वाले 10-12 दिनों में पीएम मोदी की अमेठी में सभा हो सकती है. इसके अलावा, कांग्रेस के लिए भी अगले दो सप्ताह बहुत अहम रहने वाले हैं. जमीन पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बेहद सक्रिय रहकर काम करने की जरूरत है. कुल मिलाकर कह सकते हैं कि अमेठी का मुकाबला दिलचस्प रहने वाला है और स्मृति ईरानी के लिए यह लड़ाई आसान नहीं रहेगी.
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DNA Exclusive: स्मृति ईरानी के लिए बड़ी चुनौती बन गए किशोरी लाल शर्मा?