डीएनए हिंदीः आम तौर पर प्रतियोगी परीक्षा में सिर्फ पास हो जाना ही किसी के लिए बड़ी बात होती है. अगर इसमें कोई अच्छा स्कोर हासिल कर ले तो खुशी का ठिकाना नहीं रहता है. क्या आप सोच सकते हैं कि किसी को परीक्षा में पूरे अंक मिले हो इसके बाद भी वह खुश ना हो. आपको सुनने में यह अजीब लगे लेकिन जेईई मुख्य परीक्षा (JEE Main Exam) में 300 में से 300 अंक लाने के बाद भी राजस्थान का छात्र नव्य हिसारिया (Navya Hisaria) दोबारा परीक्षा देना चाहता है. नव्य इस परीक्षा का टॉपर रहा है.
इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन के लिए जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE) बहुत महत्वपूर्ण एग्जाम है. इसमें नव्य को पूरे अंक हासिल हुए थे. बता दें कि इस परीक्षा में दो सेशन होते हैं. अगर कोई छात्र सेशन-1 और सेशन-2 दोनों में परीक्षा देता है तो उसके जिस सेशन में अधिक अंक होते हैं नतीजे उसी के आधार पर तय किए जाते हैं. राजस्थान का 17 साल का नव्या आईआईटी बॉम्बे में कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में पढ़ाई करना चाहता है.
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क्यों देना चाहता है दोबारा परीक्षा?
एक टीवी चैनल से बातचीत में नव्य ने कहा कि जेईई मेन परीक्षा देने से मुझे यह समझ आया कि निर्धारित समय में पेपर कैसे पूरा करना है. यह समय के प्रबंधन का बेहतरीन प्रैक्टिस है. अगर कोई एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रहा है तो उसे यह पता होना चाहिए कि कितने समय में उसे कौन सा पेपर पूरा करना है. जी एडवांस्ड एक प्रैक्टिस की तरह है, जिससे समय का बेहतर प्रबंधन संभव हो सके, इसलिए मैं दोबारा एग्जाम देना चाहता हूं.
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JEE Main में 300/300 स्कोर के बाद भी खुश नहीं यह छात्र, अब दोबारा देना चाहता है परीक्षा