बढ़ती गर्मी की तपिश के बीच दिल्ली (Delhi) में जल संकट (Delhi Water Crisis) की स्थिति लगातार भयावह होती जा रही है. हर महल्ले और कॉलोनी में टैंकर के सामने पानी को लेकर लंबी कतारें लगी हुई दिखाई देती हैं. इसको लेकर जमकर राजनीति हो रही है. इस सियासी ब्लेम-गेम के बीच आम जनता को घोर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली की आप सरकार इस संकट को लेकर लगातार हरियाणा की बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है. फिलहाल दिल्ली सरकार हरियाणा के रूट का इस्तेमाल करते हुए हिमाचल से पानी लाने की जतन में है. इस मसले को लेकर आप सरकार सुप्रीम कोर्ट गई हुई है. वहां पर इसको लेकर आज सुनवाई होनी थी. ये सुनवाई आज चल गई है. इससे पहले भी इसको लेकर 6 जून को वहां पर सुनवाई हुई थी.उस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल की कांग्रेस सरकार को दिल्ली के लिए पानी देने को कहा था.
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आतिशी ने हरियाणा सरकार को लिखा खत
बावजूद इसके हिमाचल का पानी दिल्ली नहीं पहुंचा है. दिल्ली में पानी का स्तर लगातार नीचे जा रहा है. वजीराबाद में यमुना का जलस्तर औसत से 5 फीट कम हो चुका है. इसको लेकर दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी हरियाणा सरकार पर लगातार दिल्ली को कम पानी देने का आरोप लगा रही है. उन्होंने हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी को खत लिखकर मुनक नहर से 100 एमजाडी पानी छोड़ने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि ये पानी दिल्ली के हिस्से का है, ये पानी दिल्ली को नहीं मिला तो आने वाले दिनों में पानी को लेकर दिल्ली में आपातकाल की स्थिति पैदा हो सकती है.
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Delhi Water Crisis: दिल्ली जल संकट को लेकर गरमाई राजनीति, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई टली