दिल्ली के यमुना बाजार में नीली छतरी वाले शिव मंदिर को तोड़ने को लेकर हंगामा मचा है. प्रशासन इस पर बुलडोजर चलाना चाहता है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. यह मामला तब और गरमा गया जब कांग्रेस नेता और बीजेपी के पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा आमने-सामने आ गए. प्रवेश वर्मा ने कहा कि प्रशासन को आदेश दे दिया गया है कि कोई भी इस मंदिर को नहीं तोड़ सकता है.
बता दें कि यमुना बाजार में महाभारत काल से नीली छतरी वाला शिव का मंदिर है. इस मंदिर को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) एक टीम तोड़ना चाहती है, लेकिन स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे हैं. सोमवार को कांग्रेस के नेता कांग्रेस नेता मुदित अग्रवाल अपने डेलिगेशन के साथ मंदिर पहुंचे थे. इसकी सूचना जैसे ही पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश वर्मा को मिली, वह भी वहां पहुंच गए. फिर क्या था दोनों के बीच बहस शुरू हो गई. दरअसल, दोनों ही नेता मंदिर को बचाने के लिए क्रेडिट लेना चाहते थे.
इसके बाद प्रवेश वर्मा ने कहा कि नीली छतरी वाले मंदिर की एक भी ईंट नहीं उखाड़ी जाएगी. इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है. साथ ही उन्होंने ऐलान किया कि जो भी अभी तक मंदिर तोड़ गए हैं, उनको फिर से स्थापित किया जाएगा. उन मंदिरों का बढ़िया तरीके से निर्माण कराया जाएगा. वर्मा ने कहा कि आपके बीच अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेता आएंगे लेकिन उनके बहकावे में मत आएं.
नीली छतरी वाला क्यों माना जाता है प्राचीन मंदिर
यमुना बाजार में स्थिति नीली छतरी वाले शिव मंदिर को प्राचीन मंदिर में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि महाभारत काल में पांडू के सबसे बड़े बेटे राजकुमार युधिष्ठिर ने इस मंदिर का निर्माण कराया था. इस मंदिर के पास में निगमबोध घाट है. यहीं पर अश्वमेध यज्ञ का आयोजन किया गया था.
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Yamuna Bazaar blue umbrella Shiva temple
दिल्ली में नीली छतरी वाले मंदिर को तोड़े जाने पर बवाल, प्रवेश वर्मा बोले- एक ईंट भी नहीं उखड़ेगी