डीएनए हिंदी: दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल रही मोनिका यादव अपनी मेहनत से बड़ा मुकाम बनाना चाहती थी. यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के लिए चुने जाने के बाद उसने यूपीएससी की तैयारी करने का फैसला लिया था. हालांकि, यहीं से उसके और सुरेंद्र राणा के रिश्ते में दरार पड़ने लगी और आखिरकार इसकी कीमत उसे अपनी जान देकर चुकानी पड़ी. आरोपी दिल्ली पुलिस में ही कॉन्स्टेबल है और उसने दो साल तक पुलिस से लेकर मोनिका के परिवार तक को चकमा देता रहा कि वह जिंदा है बस घरवालों के सामने नहीं आना चाहती है. दो साल से लापता मान जिसे पुलिस तलाश कर रही थी उसकी मिस्ट्री रविवार को सुलझ गई. दिल्ली पुलिस ने मोनिका यादव के मर्डर की पुष्टि कर दी है.
दिल्ली पुलिस ने रविवार को बताया कि मोनिका की हत्या कर दी गई थी. पुलिस ने आरोपी कॉन्स्टेबल सुरेंद्र सिंह राणा (42), उसके साले और एक दोस्त को भी अरेस्ट किया है. स्पेशल कमिश्नर रवींद्र यादव ने बताया कि राणा ने मोनिका (28) की गला घोंटकर हत्या कर दी थी और फिर लाश को उत्तरी दिल्ली के नाले में फेंक दिया था. नाले से पुलिस को कंकाल मिला है जिसकी DNA जांच की जा रही है. पुलिस ने बताया कि पीसीआर वैन में तैनाती के दौरान दोनों करीब आ गए थे और बाद में यह रिश्ता ही मौत की वजह बना.
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परिवार को सुनाता था पुरानी रिकॉर्डिंग
आरोपी सुरेंद्र राणा ने पुलिस और मोना के परिवार को चकमा देने के लिए पूरी तैयारी की थी. वह अलग-अलग लोकेशन से मोना के एटीएम का इस्तेमाल करता था और इतना ही नहीं उसने परिवार की तसल्ली के लिए पुरानी रकॉर्डिंग भी सुनाई थी जिसमें वह कह रही थी कि मम्मी उसके बारे में बेकार ही परेशान होती है. वह सुरक्षित है बस घर के लोगों से नहीं मिलना चाहती है. पुलिस ने बताया कि मोनिका का चयन यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद के लिए हो गया था और वह यूपीएससी की तैयारी करना चाहती थी. सरकारी नौकरी छोड़कर फिर से तैयारी की वजह से उसके और सुरेंद्र राणा के बीच अनबन हुई थी.
सुरेंद्र राणा ने साथ रहने के लिए डाला था दबाव
पुलिस ने बताया कि दोनों की ड्यूटी एक साथ होने की वजह से उनके बीच में अच्छी बॉन्डिंग हो गई थी लेकिन मोनिका के दिल में राणा के लिए उस तरह की फीलिंग्स नहीं थी. वह उसे अपने पिता या बड़े भाई की तरह का दर्जा देती थी जबकि आरोपी उसके साथ लिव इन में रहने और रिश्ते को आगे ले जाने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया था. जब मोनिका नहीं मानी तो उसे एक दिन मिलने के बहाने बुलाकर हत्या कर दी और नाले में लाश फेंक दी. इसके बाद उसके नाम से फर्जी कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट भी बनवा लिया.
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पुलिस के हत्थे यूं चढ़ा आरोपी
पुलिस को 2 साल तक जब कोई सुराग नहीं मिला तो रिवर्स में जांच शुरू की और उन नंबर्स की डिटेल निकाली जिनसे मोनिका ने कथित तौर पर घरवालों से बात की थी. इन नंबरों की जांच करते हुए पुलिस दूसरे आरोपी रवीन तक पहुंची और उसने राणा का नाम लिया. सख्ती से पूछताछ करने पर राणा ने स्वीकार कर लिया कि उसकी हत्या कर लाश नाले में फेंक दी है. पुलिस को नाले में से एक महिला का कंकाल बरामद हुआ है जिसकी डीएनए जांच की जा रही है.
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दिल्ली पुलिस कॉन्स्टेबल की मर्डर मिस्ट्री, एकता कपूर के ड्रामे से भी ज्यादा सस्पेंस