डीएनए हिंदी: दिल्ली-एनसीआर में जहरीले प्रदूषण से लोगों की राहत नहीं मिल रही है. इन दिनों सुबह से ही धुंध छाई रहती है. लोगों को सांस लेने में तकलीफ के साथ-साथ आंखों में जलन महसूस हो रही है. राजधानी में बीते 24 घंटे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 488 दर्ज किया गया. सरकार ने रविवार को AQI के 'अति गंभीर' श्रेणी में पहुंचने के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में सार्वजनिक परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रक और 4 पहिया कमर्शियल वाहन के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू कर दिया गया.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है. आरके पुरम में एक्यूआई 466, आईटीओ में 402, पटपड़गंज में 471 और न्यू मोती बाग में 488 रहा है. इसके परिणामस्वरूप शहर में क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना (GRAP) के चौथे व अंतिम चरण के तहत प्रतिबंध लागू किए गए, जिसमें अन्य राज्यों से केवल सीएनजी, इलेक्ट्रिक और BS-6 मानक का पालन करने वाले वाहनों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति होगी. वहीं, आवश्यक सेवाओं में शामिल वाहनों को इस प्रतिबंध से छूट मिलेगी.
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पराली जलाने की कुल 4,160 घटनाएं
दिल्ली में मौसम की प्रतिकूल स्थितियों और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि के बीच शहर में प्रति वर्ष सर्दियों के मौसम में प्रदूषण की समस्या काफी बढ़ जाती है. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के विश्लेषण के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में एक नवंबर से 15 नवंबर तक प्रदूषण चरम पर होता है, जब पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ जाती हैं. नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) के मुताबिक, रविवार को उत्तर भारत से पराली जलाने की कुल 4,160 घटनाएं सामने आईं, जो इस मौसम में अब तक की सबसे अधिक घटनाएं हैं.
Air quality across Delhi continues to be in the 'Severe' category as per the Central Pollution Control Board (CPCB).
— ANI (@ANI) November 6, 2023
AQI in RK Puram at 466, in ITO at 402, in Patparganj at 471 and in New Moti Bagh at 488 pic.twitter.com/oBrbdeLqdp
जहरीली हवा से कब मिलेगी राहत?
एक्सपर्ट्स की मानें तो दिल्ली-एनसीआर में अभी कुछ दिन तक जहरीले प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिलने वाली है. बढ़ते प्रदूषण और GRAP-4 को लेकर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में दोपहर 12 बजे बैठक बुलाई है. इस बैठक में ट्रांसपोर्ट, एजेकेशन, MCD, NDMC, एनडीएमसी, डीसीबी, राजस्व, दिल्ली पुलिस और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के अधिकारी शामिल होंगे.
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अन्य शहरों में भी हालात खराब
हालांकि, वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या केवल दिल्ली तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पड़ोसी राज्य हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कई शहरों में भी वायु गुणवत्ता खतरनाक स्तर तक पहुंच गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों के अनुसार, पंजाब के बठिंडा में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 375, मंडी गोबिंदगढ़ में 291, खन्ना में 255, पटियाला में 248 और लुधियाना में 243 दर्ज किया गया. हरियाणा में कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई. फरीदाबाद में एक्यूआई 450, फतेहाबाद में 442, कैथल में 434, हिसार में 427, गुरुग्राम में 402, जींद में 401, सिरसा में 390, रोहतक में 362, पानीपत में 346, कुरूक्षेत्र में 330 और करनाल में 319 रहा. पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में एक्यूआई 212 दर्ज किया गया.
वहीं, गाजियाबाद में एक्यूआई 494, जबकि गुरुग्राम में 402, नोएडा में 414, ग्रेटर नोएडा में 410 और फरीदाबाद में 450 रहा. एक्यूआई शून्य से 50 के बीच 'अच्छा', 51 से 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 से 200 के बीच 'मध्यम', 201 से 300 के बीच 'खराब', 301 से 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 से 450 के बीच 'गंभीर' माना जाता है. एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर इसे 'अति गंभीर' श्रेणी में माना जाता है. दिल्ली-एनसीआर में पार्टिकुलेट मैटर (पीएम)-2.5 की सांद्रता कई जगहों पर भारत सरकार द्वारा निर्धारित 60 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर की सुरक्षित सीमा से सात-आठ गुना अधिक दर्ज की गई है. ये सूक्ष्म कण सांस के माध्यम से शरीर के भीतर तक प्रवेश करने और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा करने में सक्षम हैं.
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दिल्ली-NCR में प्रदूषण अति गंभीर, GRAP-4 लागू, जानें कब मिलेगी राहत