डीएनए हिंदी: दिल्ली के लोकनायक जयप्रकाश असप्ताल (LNJP Hospital) में एक बड़ा ही अनोखा मामला सामने आया है. यहां जन्मीं जिस नवजात बच्ची को पहले मृत घोषित किया गया. असल में वो जीवित थी. इस खबर के सामने आने के बाद से ही हड़कंप मच गया है. अधिकारियों का कहना है कि एलएनजेपी में जन्म के तुरंत बाद कथित रूप से 'मृत घोषित' किए जाने के बाद जीवित पाई गई बच्ची की हालत नाजुक है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है.
परिवार जा रहा दफनाने
बच्ची का वजन 490 ग्राम बताया गया है. उसका जन्म तब हुआ, जब उसकी मां को गर्भ धारण कियए हुए केवल 23 हफ्ते हुए थे. बच्ची को जन्म के बाद 'मृत घोषित' किए जाने के बाद परिवार के लोग उसे दफनाने की योजना बना रहे थे. लेकिन तभी उन्होंने उसे जीवित पाया. अस्पताल के एक सीनियर डॉक्टर ने कहा, 'बच्ची की हालत लगातार नाजुक बनी हुई है और उसे वेंटिलेटर पर रखा गया है. उसके स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही है.'
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पुलिस तक पहुंची बात
डॉक्टर ने कहा कि अस्पताल ने इस घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है, जो अपनी रिपोर्ट बुधवार को सौंपेगी. बच्ची के परिवार ने कहा कि वे इस मामले में पुलिस में मामला दर्ज कराएंगे. बच्ची के एक रिश्तेदार ने पीटीआई-भाषा से कहा, 'बच्ची वेंटिलेटर पर नहीं है. इसके बजाय उसे केवल नर्सरी में भर्ती किया गया है. हम पुलिस में मामला दर्ज कराएंगे और चाहते हैं कि दोषी डॉक्टरों को दंडित किया जाए. हम चाहते हैं कि इस मामले में एफआईआर दर्ज की जाए.' उसने बच्ची को मृत घोषित करने वाले चिकित्सकों को निलंबित किए जाने की मांग की.
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दिल्ली के इस सरकारी अस्पताल में जिंदा बच्ची को बताया मरा हुआ, परिवार जा रहा था दफनाने, तभी?