डीएनए हिंदी: दिल्ली हाईकोर्ट ने बटला हाउस एनकाउंटर केस (Batla House Encounter Case) के दोषी आरिज खान की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है. इस एनकाउंटर में दिल्ली पुलिस के इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा शहीद हो गए थे. इस मामले में निचनी अदालत ने मार्च 2021 में आरिज खान (Ariz Khan) को फांसी की सजा सुनाई थी. आरिज ने इस फैलले को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और अमित शर्मा की बेंच ने फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हालांकि, हाईकोर्ट ने बाटला हाउस एनकाउंटर केस में आरिज खान को दोषी ठहराने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा. ट्रायल कोर्ट ने कहा था कि उसका अपराध दुर्लभतम श्रेणी में आता है, जिसके लिए अधिकतम सजा का प्रावधान है और मौत होने तक उसे फांसी पर लटकाया जाएगा. इस मामले में उच्च न्यायालय ने दोनों तरफ की दलीलें सुनने के बाद पीठ ने अगस्त में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
2008 में हुआ था एनकाउंटर
दिल्ली पुलिस को 19 सितंबर 2008 को दक्षिण जामिया नगर के बाटला हाउस इलाके में कुछ संदिग्ध आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली थी. सूचना के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा अपने कुछ साथियों के बाटला हाउस के एक फ्लैट में सर्च करने पहुंचे थे. इस दौरान आतंकियों ने पुलिस की टीम को देखते ही फायरिंग कर दी. जिसमें इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा को तीन गोलियां लगी थीं. बाद में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
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कौन है आरिज खान?
पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आतिफ आमीन और मोहम्मद साजिद मारे गए थे. जबकि आरोपी शहजाद अहमद को स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया था. वहीं, मुठभेड़ के दौरान आरिज खान भागने में कामयाब हो गया था. बाद में दिल्ली पुलिस ने 2018 में आरिज को नेपाल से गिरफ्तार कर लिया. आरिज को निजली अदालत में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने इस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा की हत्या समेत अन्य धाराओं तहत दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई. साथ ही 11 लाख रुपये का जुर्माना लगाया.
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कौन है आरिज खान, जिसकी मौत की सजा को दिल्ली HC ने उम्रकैद में बदला