राजस्थान के दौसा में 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरे पांच साल के आर्यन बचाने का अभियान मंगलवार को भी जारी रहा. आर्यन को बोरवेल में फंसे 27 घंटे से ज्यादा का समय बीत चुका है. लेकिन अभी तक मासूम का रेश्क्यू नहीं हो सका है. बच्चे की जिंदगी बचाने के लिए पूरा जिला प्रशासन जुटा हुआ है. कहा जा रहा है कि बीती रात 2 बजे से टनल के अंदर बच्चे की किसी प्रकार का मूवमेंट नजर नहीं रहा है.
अधिकारियों ने बताया कि बीती रात 2 बजे बच्चे की हरकत आखिरी बार कैमरे में नजर आयी थी. उनके अनुसार जिस बोरवेल में बच्चा फंसा हुआ है, उसमें पाइप के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. अधिकारी ने बताया कि बोरवेल के समानांतर कई अर्थमूवर (खुदाई में इस्तेमाल आने वाली एक मशीन) और ट्रैक्टर की मदद से खुदाई की जा रही है, ताकि एक छेद बनाया जा सके और बच्चे को बाहर निकाला जा सके.
देसी जुगाड़ का इस्तेमाल
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार शाम रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया है. अब बोरवेल के समांतर गड्ढा खोदने के लिए अर्थमूवर्स और ट्रैक्टरों की मदद ली जा रही है. जिससे टनल बनाकर बच्चे तक पहुंचा जा सके. इसके अलावा देसी जुगाड़ से सुरंग में फदा डालने का प्रयास भी किया जा रहा है. जिससे बच्चे के हाथ में फंदा फंसाकर ऊपर खींचा जा सके.
NDRF की टीम भी रेस्क्यू ऑपरेशन को सफल करने के लिए लोहे की रिंग नुमा रोड डालकर बोरवेल से सीधे ही बच्चे को निकालने की कोशिश कर रही है. बच्चा बोरवेल में अधिक अंदर नहीं जाए, इसके लिए नीचे अंब्रेला नुमा एक इक्विपमेंट लगाया गया है.
बता दें कि दौसा जिले के पापडदा थाना क्षेत्र के कालीखाड गांव में सोमवार दोपहर 3:30 बजे 5 साल का आर्यन खेत में खुले बोरवेल में गिर गया था. जगदीश मीणा की पत्नी खेत में बनी टंकी पर नहा रही थी. इसी दौरान आर्यन वहां खेल रहा था. तभी वो अचानक से बोरवेल में गिर गया. इसके बाद शोर मचाकर मां ने आसपास के लोगों और पुलिस को इस घटना के बारे में सूचित किया.
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150 फीट गहरा बोरवेल, 28 घंटे ... जिंदगी की जंग लड़ रहा 5 साल का आर्यन, अब देसी जुगाड़ से उम्मीद