डीएनए हिंदी: चीन, कोविड महामारी से बुरी तरह त्रस्त है. मौत के लगातार बढ़ रहे आंकड़ों की वजह विश्व स्वास्थ्य संगठन भी चिंतित है. चीन में महामारी के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में भी लोग चिंता कर रहे हैं. केंद्र सरकार ने बुधवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की और वैक्सीन कवरेज को और तेज करने की सलाह दी. देश में वैक्सीन की तीसरी डोज महज 27 फीसदी लोगों ने ली है. नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा है कि केंद्र की अपील है सीनियर सिटीजन बूस्टर डोज (precautionary dose) जरूर लगाएं.हालांकि, जिन लोगों को पहले से ही बूस्टर दिए जा चुके हैं, वे पूछ रहे हैं कि क्या चौथी खुराक की जरूरत है. आइए जानते हैं.
एम्स के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कहना है कि अभी लोगों को वैक्सीन की तीसरी डोज लगवानी चाहिए. जब तक कोई वेरिएंट स्पेसिफिक टीका, या बाइवेलेंट वैक्सीन न तैयार हो जाए, चौथे डोज की जरूरत नजर नहीं आ रही है.
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वहीं केके हॉस्पिटल, लखनऊ में सेवाएं दे रहे डॉक्टर चंडीकेश दत्त ने कहा, 'जिन लोगों ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई है, उन्हें कोविड से डरने की जरूरत नहीं है. जिन्हें 3 डोज लग चुकी है, उनके लिए खतरा और कम है. लेकिन अब देश के लोगों में नेचुरल इम्युनिटी तैयार हो गई है. अगर एंटीबॉडी काउंट टेस्ट किया जाए तो ज्यादा साफ आंकड़े सामने आ सकेंगे. चौथे बूस्टर डोज की जरूरत फिलहाल अभी नहीं है.'
क्या बाइवेलेंट वैक्सीन की राह देख रहा भारत?
फूड एंट ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक बाइवेलेंट वैक्सीन, ऐसे वैक्सीन को कहते हैं जिन्हें कोविड के मूल वेरिएंट के स्ट्रेन और ओमिक्रोन के मूल वेरिएंट के स्ट्रेन से तैयार किया जाता है. ऐसी वैक्सीन में दोनों तरह के कंपोनेंट्स होते हैं.
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एक बाइवेलेंट कोविड-19 वैक्सीन को अपडेटेड कोविड-19 वैक्सीन बूस्टर डोज भी कह सकते हैं. कोविड के अलग-अलग म्युटेशन अब तक सामने आ चुके हैं. पहले SARS-CoV-2 वायरस, फिर ओमिक्रोन और इसके अलग-अलग वेरिएंट. हर वेरिएंट एक अलग तरह का खतरा लेकर आया है.
क्या भारत के पास है बाइवेलेंट वैक्सीन?
कोवैक्सीन और कोविशिल्ड दोनों वैक्सीन, बाइवेलेंट वैक्सीन नहीं हैं. फाइजर और बायोएनटेक की बाइवेलेंट वैक्सीन और मॉडर्ना की वैक्सीन का इस्तेमाल बाइवेलेंट के तौर पर हो रहा है. ये mRNA वैक्सीन हैं.
केरल के कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर राजीव जयदेवन का मानना है कि बूस्टर डोज का असर वक्त के साथ कम होता जाता है. ऐसे में जिन लोगों ने वैक्सीन की दूसरी या तीसरी डोज लगवाई है, वह उनकी कोविड से रक्षा करने में कारगर है. भारत में अपवादों को छोड़कर चौथे बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है.
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दुनिया में कोविड महामारी की फिर दस्तक, क्या हमें है चौथे वैक्सीन डोज की जरूरत, क्या कह रहे एक्सपर्ट्स?