डीएनए हिंदी: आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के राजामहेंद्रवरम सेंट्रल जेल के लोगों को लिखे पत्र पर विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि जेल अधिकारियों ने दावा किया है कि पत्र के लिए अनुमति नहीं दी गई थी. तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने रविवार शाम को मीडिया को एक पत्र जारी किया था, इसमें कहा गया था कि पार्टी सुप्रीमो ने इसे राजामहेंद्रवरम जेल से लोगों को लिखा था, जहां वह एक महीने से अधिक समय से कौशल विकास निगम मामले में बंद हैं.

जेल अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि कोई भी पत्र उनकी अनुमति के बिना जेल से जारी नहीं किया जाता है और जो कथित तौर पर नायडू द्वारा लिखा गया था, उसके लिए कोई अनुमति नहीं थी. जेल अधिकारी ने नायडू द्वारा हस्ताक्षरित और टीडीपी द्वारा जारी पत्र की फोटोकॉपी के साथ एक बयान जारी किया. नायडू के हस्ताक्षर के नीचे लिखा है 'स्नेहा ब्लॉक, राजामहेंद्रवरम जेल से'.

जेल अधीक्षक एस राहुल ने कहा कि जेल नियमों के अनुसार अगर कोई कैदी हस्ताक्षरित पत्र जेल के बाहर भेजना चाहता है तो जेल अधिकारी उस पर गौर करते हैं और जेलर के सत्यापन, हस्ताक्षर और जेल की मुहर के साथ ही उसे संबंधित अदालत में या किसी सरकारी कार्यालय या परिवार के सदस्य के पास भेजा जाता है. इस बीच सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने इस दावे के साथ पत्र जारी करने के लिए टीडीपी की आलोचना की है कि यह पत्र नायडू द्वारा जेल से लिखा गया है.

जेल में रहते हुए नायडू के पत्र में हस्ताक्षर कैसे?
इसमें पूछा गया कि नायडू को जेल में कागज और कलम कहां से मिली. यह भी आश्चर्य हुआ कि टीडीपी द्वारा जारी पत्र में नायडू के हस्ताक्षर कैसे थे. वाईएसआरसीपी ने टिप्पणी की कि टीडीपी की राजनीति, उसके बयान और उसके सभी कार्यों की तरह यह पत्र भी फर्जी है. इसमें आरोप लगाया गया कि टीडीपी और नायडू इस तरह से लोगों को धोखा दे रहे हैं. वाईएसआरसीपी ने पत्र पर चुटकी लेते हुए कहा, अगर आप लोगों के दिलों में हैं, तो उन्होंने आपको पिछले चुनाव में क्यों हराया.'

सत्तारूढ़ दल ने आरोप लगाया कि लोग नायडू के भ्रष्टाचार से तंग आ चुके थे और इसलिए उन्हें सत्ता से हटा दिया. यह आरोप लगाते हुए कि नायडू ने कौशल विकास के नाम पर युवाओं को धोखा दिया, आश्चर्य हुआ कि वह मूल्यों और विश्वसनीयता के बारे में कैसे बात करेंगे. टीडीपी द्वारा जारी खुले पत्र के अनुसार, नायडू ने लिखा कि वह जेल में नहीं, बल्कि राज्य के लोगों के दिलों में हैं और दुनिया की कोई भी ताकत उन्हें एक सेकंड के लिए भी लोगों से दूर नहीं कर सकती है. 

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पत्र में नायडू ने क्या लिखा?
यह विश्वास व्यक्त करते हुए कि भले ही थोड़ी देर हो जाए, कानून निश्चित रूप से कायम रहेगा, चंद्रबाबू ने कहा कि वह निश्चित रूप से लोगों के लिए और राज्य के कल्याण के लिए नए जोश के साथ काम करने के लिए सामने आएंगे. टीडीओ के अनुसार, चंद्रबाबू ने यह पत्र अपने परिवार के सदस्यों को सौंपा जो रविवार को राजमुंदरी जेल में उनसे मिले थे.
दशहरा के मौके पर लोगों को शुभकामनाएं देते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि सत्ता खोने के डर से कुछ ताकतें इस धारणा में हैं कि वे उन्हें चार-दीवारी में कैद करके लोगों से दूर कर सकते हैं. "मैं भले ही अब लोगों के बीच नहीं हूं लेकिन विकास के लिए हर जगह मौजूद हूं." (इनपुट- आईएएनएस)

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Controversy over letter written by Chandrababu Naidu jail administration claims we did not give permission
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चंद्रबाबू नायडू के लिखे पत्र पर विवाद, जेल प्रशासन का दावा 'हमने नहीं दी अनुमति'
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