डीएनए हिंदी: गुजरात के कोर्ट ने जब से राहुल गांधी को 'मोदी सरनेम' केस में सजा सुनाई है, तभी से कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच बेचानी है. राहुल का आगे क्या होगा पार्टी के कार्यकर्ता इस बात से चिंतित हैं. राहुल के कोर्ट केस में बुरी तरह उलझने के बाद कांग्रेस को अमेठी और राय बरेली की चिंता भी सता रही है. पार्टी के कार्यकर्ता खुलकर ऑन रिकॉर्ड तो कुछ नहीं कह रहे पर उन्हें अब राहुल गांधी से कम बल्कि प्रियंका गांधी से उम्मीदें ज्यादा है.
क्या बातें कर रहे कांग्रेस के लोग?
कांग्रेस के लोगों का कहना है कि अमेठी और राय बरेली हमेशा से ही गांधी परिवार की जेब में रही है और उन्हें ही इन दोनों सीटों से लड़ना चाहिए. कांग्रेस के पूर्व विधायक रह चुके एक वरिष्ठ नेता ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा, 'अगर राहुल गांधी की सजा बरकरार रहती है तो भी इन दो लोकसभा सीटों (अमेठी और राय बरेली) पर गांधी परिवार के सदस्य को ही चुनाव लड़ना चाहिए.'
एक अन्य वरिष्ठ नेता ने कहा कि सोनिया गांधी पार्टी में सबसे सीनियर हैं उन्हें राय बरेली से चुनाव लड़ना चाहिए, जब कि राहुल के न होने पर प्रियंका गांधी वाड्रा को अमेठी से चुनाव लड़ना चाहिए.
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कांग्रेस का है क्षेत्रीय दलों पर फोकस
पार्टी के बड़े नेताओं का कहना है कि अब बीच का कोई रास्ता नहीं निकाला जा सकता. अगर बीजेपी को हराना है तो क्षेत्रीय दलों को कांग्रेस के साथ आना होगा. अगर क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ नहीं आते हैं और खुद से चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें बीजेपी की मदद करने वालों के रूप में ही देखा जाएगा. कांग्रेस भले ही क्षेत्रीय दलों के साथ आने की बात कर रही हो लेकिन अखिलेश यादव अब भी उससे हाथ मिलाने में झिझकते दिख रहे हैं. अखिलेश के दूरी बनाए रखने पर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि समाजवादी पार्टी अकेले चुनाव नहीं लड़ेगी क्योंकि सभी मुख्य क्षेत्रीय दल कांग्रेस के साथ हैं.
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राहुल गांधी के न होने पर कौन संभालेगा अमेठी और रायबरेली, जानें क्या बातें कर रहे कांग्रेस के लोग