डीएनए हिंदी: कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द हो चुकी है. जनप्रतिनिधि अधिनियम के एक कानून की वजह से राहुल गांधी को पद गंवाना पड़ा है. उनकी अयोग्यता का मुद्दा एक तरफ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष केंद्र सरकार के खिलाफ लामबंद हो गया है. कांग्रेस के दिग्गज नेता शशि थरूर ने कहा है कि राहुल गांधी पर हुए एक्शन को भारतीय जनता पार्टी (BJP) का सेल्फ गोल बताया है.
शशि थरूर ने कहा, 'इस मुद्दे का आखिरकार विपक्षी दलों और राहुल गांधी को ही फायदा मिलेगा. इसके बीजेपी के लिए कुछ अनपेक्षित परिणाम होंगे. आज हर राजधानी में ये सुर्खियां हैं जो राहुल गांधी के साथ हुआ है. दूसरी बात यह है कि भाजपा ने विपक्षी एकजुटता के लिए एक जमीन तैयार कर दी है जो पहले नहीं थी.'
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शशि थरूर के इस बयान का क्या है मतलब?
ज्यादातर विपक्षी नेताओं का रुख ऐसा है जो साबित कर रहा है कि शशि थरूर का यह कहना गलत नहीं है. विपक्षी नेता राहुल गांधी के खिलाफ सुनाए गए फैसले के बाद से ही केंद्र सरकार के खिलाफ एकजुट हो गए हैं. लोग सूरत कोर्ट की ओर से सुनाए गए इस फैसले पर सवाल खड़े कर रहे हैं.
संसद ने राहुल गांधी को ठहराया अयोग्य
राहुल गांधी को मोदी सरनेम केस में 2 साल की सजा मिली है. उन पर 15,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. लोकसभा सचिवालय ने इस आदेश के बाद शुक्रवार को उन्हें लोकसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य ठहरा दिया.
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क्यों अयोग्य ठहराए गए हैं राहुल गांधी?
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि उनका अयोग्यता संबंधी आदेश 23 मार्च से प्रभावी होगा. संविधान के अनुच्छेद 102 (1) और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 8 के तहत अयोग्य घोषित किया गया है.
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राहुल गांधी को अयोग्य ठहराकर BJP ने किया सेल्फ गोल, शशि थरूर के इस बयान का क्या है मतलब? पढ़ें