डीएनए हिंदी: लंबे इंतजार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव (Congress President Election) की घड़ी नजदीक आ गई है. सोमवार को कांग्रेस के 9,000 से ज्यादा प्रतिनिधि वोटिंग करेंगे. मुकाबला मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और शशि थरूर (Shashi Tharoor) के बीच होना है. देशभर के 65 से ज़्यादा केंद्रों पर मतदान होगा. 24 साल बाद ऐसा मौका आया है कि कांग्रेस का अध्यक्ष गांधी परिवार से बाहर का होगा. 'भारत जोड़ो यात्रा' (Bharat Jodo Yatra) की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी कर्नाटक में ही वोटिंग करेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए, प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के 9,000 से अधिक प्रतिनिधि गुप्त मतदान करेंगे. दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में और देशभर में 65 से अधिक केंद्रों पर मतदान होगा. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एआईसीसी मुख्यालय में मतदान कर सकती हैं, वहीं राहुल गांधी कर्नाटक में बेल्लारी के संगनाकल्लू में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर स्थल पर मतदान में भाग लेंगे. उनके साथ पीसीसी के करीब 40 प्रतिनिधि भी मतदान करेंगे जो यात्रा में शामिल हैं.
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'कोई नहीं है आधिकारिक उम्मीदवार'
गांधी परिवार के करीबी होने और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. हालांकि, शशि थरूर भी खुद को पार्टी में बदलाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं. शशि थरूर ने चुनाव प्रचार के दौरान असमान अवसरों के मुद्दे उठाए, लेकिन खरगे और पार्टी के साथ उन्होंने यह भी माना है कि गांधी परिवार के सदस्य तटस्थ हैं और कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार’ नहीं है.
चुनाव की अहमियत के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि वह हमेशा से ऐसे पदों के लिए आम-सहमति बनाने के कांग्रेस के मॉडल पर भरोसा करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू के बाद के कालखंड में इस मॉडल पर सबसे ज्यादा भरोसा के. कामराज करते थे. रमेश ने कहा, 'कल चुनाव है और यह विश्वास और भी मजबूत हुआ है. मैं इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं कि सांगठनिक चुनाव वास्तव में किसी भी प्रकार से संगठन को मजबूती प्रदान करते हैं. वे निजी हित साध सकते हैं लेकिन सामूहिक भावना के निर्माण में उनका महत्व संदेहास्पद है.'
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शशि थरूर ने उठाए कई अहम मुद्दे
जयराम रमेश ने कहा, 'मैं उन्हें ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा की तुलना में कम संस्थागत महत्व का मानता हूं. यह यात्रा कांग्रेस के लिए और भारतीय राजनीति के लिए भी क्रांतिकारी पहल है.' अध्यक्ष पद के चुनाव अभियान में अंतर साफ दिखाई दिया है. मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रचार में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्ष और शीर्ष नेता राज्य मुख्यालयों में उनकी अगवानी करते देखे गए हैं. वहीं, शशि थरूर के स्वागत में अधिकतर प्रदेश कांग्रेस समितियों के युवा प्रतिनिधियों को ही देखा गया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की इस दौरान गैर-मौजूदगी ही रही.
शशि थरूर अपने अभियान के दौरान इस बात को रेखांकित करते रहे हैं कि वह बदलाव के प्रत्याशी हैं, जबकि मल्लिकार्जुन खड़गे परंपरावादी उम्मीदवार हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी में युवा और निचले स्तर के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं. वहीं, वरिष्ठ नेता उनके प्रतिद्वंद्वी खड़गे के साथ नजर आ रहे हैं. खड़गे ने भी अपने अभियान में अपने अनुभव साझा किए हैं जो पिछले कुछ दशकों में संगठन का काम करते हुए उनके सामने आए. दोनों ही नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि गांधी परिवार के सदस्यों का पार्टी में विशेष स्थान है. खड़गे ने कहा कि वह उनका मार्गदर्शन और सुझाव लेंगे, वहीं थरूर ने कहा कि कांग्रेस का कोई अध्यक्ष गांधी परिवार से दूरी बनाकर काम नहीं कर सकता क्योंकि पार्टी के खून में उनका डीएनए है.
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कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पिछली बार चुनाव 2000 में हुआ था जब जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी के हाथों जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था. सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर रहने का फैसला किया है जिससे 24 साल के अंतराल के बाद गांधी परिवार के बाहर का सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा. कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होगा और किसी को पता नहीं चलेगा कि किसने किसे वोट डाला. उन्होंने कहा कि दोनों उम्मीदवारों के लिए समान अवसर मुहैया कराये गए हैं.
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मल्लिकार्जुन खड़गे या शशि थरूर? कांग्रेस को 24 साल बाद मिलेगा गांधी परिवार से बाहर का अध्यक्ष