उत्तर प्रदेश में रेहड़ी-ठेले और होटल-रेस्टोरेंट पर उनके मालिक के नाम पते लिखे जाने के आदेश पर अभी विवाद चल ही रहा था कि हिमाचल की कांग्रेस सरकार ने भी ऐसा ही आदेश बुधवार को लागू करने की बात कही थी. हिमाचल की कांग्रेस सरकार में शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बीते बुधवार को कहा था कि उतर प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश में भी रेहड़ी-पटरी वालों को उनकी फोटो लगे लाइसेंस दिए जाएंगे. इन्हें दुकानों के बाहर लगाना अनिवार्य होगा. हालांकि, हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस आदेश पर एक ही दिन बाद यानी गुरुवार को यू-टर्न ले लिया है.
सरकार ने फैसले से किया किनारा
हिमाचल प्रदेश सरकार ने मंत्री विक्रमादित्य सिंह के बयान से किनारा कर लिया है. कांग्रेस सरकार का कहना है कि रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नेमप्लेट समेत अन्य सुझावों पर कैबिनेट विचार करेगी. अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है. आपको बता दें कि यूपी की योगी सरकार ने मंगलवार को ही इस बारे में आदेश जारी किया था.
सभी बातों को ध्यान में रख कर लिया जाएगा फैसला
हिमाचल सरकार ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि राज्य सरकार रेहड़ी-पटरी वालों के लिए नेमप्लेट जरूरी करने के सुझाव पर विचार करेगी. हिमाचल सरकार के प्रवक्ता ने बयान जारी कर रहा कि अभी नेमप्लेट अनिवार्य रूप से लगाने के आदेश पर विचार करेगी. अभी इस पर कोई विचार नहीं हुआ है. बयान में कहा गया कि स्ट्रीट वेंडर्स पॉलिसी के बारे में समाज के विभिन्न वर्गों से सुझाव मिले हैं.
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इस मामले के हर पहलू पर संवेदनशीलता के साथ विचार किया जा रहा है. अभी नेमप्लेट अनिवार्य रूप से लगाने पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. प्रदेश सरकार स्ट्रीट वेंडर्स से संबंधित मुद्दों का समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है. इस संदर्भ में फैसला लेने से पहले सभी सुझावों पर संवेदनशीलता से विचार किया जाएगा.
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एक ही दिन में पलटी कांग्रेस, हिमाचल में नहीं होगा नेमप्लेट नियम लागू, समझें सरकार के यू-टर्न की वजह