बीते दिनों संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान ने बड़ी जीत दर्ज की थी. इस जीत के बाद चिराग के केंद्र सरकार में मंत्री पद दिया गया था. हाल ही में चिराग पासवान ने राहुल-अखिलेश की उस मांग का समर्थन किया है, जो दोनों नेता लोकसभा चुनाव से उठाए हुए हैं. लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एक बार NDA की विचारधारा से भटकते हुए नजर आ रहे हैं.
दरअसल चिराग पासवान ने रविवार को एक बार फिर जातिगत जनगणना पर अपनी स्थिति स्पष्ट करते हए कहा कि हम चाहते हैं कि जाति जनगणना हो. चिराग पासवान ने ऐसा कहकर राहुल गांधी और अखिलेश यादव की पुरानी मांग को फिर से धार दे दी है. बता दें कि इससे पहले भी चिराग पासवान जातिगत जनगणना को लेकर अपनी ऐसी ही राय रख चुके हैं.
रांची में रविवार को लोक जनशक्ति पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक का आयोजन किया गया था. बैठक के दौरान चिराग पासवान को एक बार फिर से पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है. इस मौके पर चिराग पासवान ने कहा है कि 'आज रांची में हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें देश भर से हमारी कार्यकारिणी के सदस्य शामिल हुए. इस कार्यकारिणी बैठक का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव करना था. मुझे फिर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया है.'
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उन्होंने इस दौरान जातिगत जनगणना का मु्द्दा उठाते उठाते हुए अपनी बात रखी. चिराग पासवान ने कहा कि 'मेरी पार्टी ने हमेशा जाति जनगणना के समर्थन में अपनी स्थिति स्पष्ट रखी है. हम चाहते हैं कि जाति जनगणना हो. इसका कारण यह है कि कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार ऐसी योजनाएं बनाती हैं जो जाति को ध्यान में रखकर तैयार की जाती हैं. ये योजनाएं मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से बनाई जाती हैं. ऐसे में सरकार के पास उस जाति की जनसंख्या की जानकारी होनी चाहिए.'
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राहुल-अखिलेश और चिराग पासवान इस मुद्दे पर आए साथ-साथ, फिर से अपनाया NDA से अलग रुख