डीएनए हिंदी: Bihar News- भाजपा और जदयू के दोबारा कभी गठबंधन में एकसाथ नहीं की कसमें खाने के बीच बिहार की राजनीति में एक बड़े उलटफेर के संकेत मिल रहे हैं. बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नेतृत्व वाले NDA का दामन छोड़कर अलग राह पकड़ने वाले चिराग पासवान (Chirag Paswan) की फिर से भगवा खेमे में वापसी हो रही है. चिराग ने मंगलवार को साफतौर पर कहा, हम बीजेपी के संपर्क में हैं, NDA में शामिल होने को लेकर बातचीत चल रही है. चिराग की इस घोषणा के बाद माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को पटखनी देने की बिसात बिछानी शुरू कर दी है. बता दें कि एक दिन पहले नितीश कुमार ने कहा था कि वे मर जाएंगे, लेकिन भाजपा के साथ दोबारा गठबंधन नहीं करेंगे.
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चिराग गठबंधन में लड़ेंगे साल 2024 का चुनाव
चिराग पासवान ने मंगलवार को कहा, हम साल 2024 का चुनाव गठबंधन में रहकर लड़ेंगे. उन्होंने स्पष्ट कहा, मेरे NDA नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं. इसलिए उनके साथ गठबंधन की संभावना है. कुछ बातें स्पष्ट होनी हैं, इसके बाद चीजों को औपचारिक रूप दे सकते हैं. हालांकि ये सब साल 2024 से पहले स्पष्ट हो जाएगा. चिराग पासवान ने कहा, हमारा एजेंडा है बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट.
नितीश को बताया दगाबाजी करने वाला
चिराग ने मंगलवार को नितीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, सरकार की दिलचस्पी विकास नहीं राजनीति में है. जदयू से उपेंद्र कुशवाहा के बाहर जाने को लेकर भी चिराग ने कहा, नितीश ने हमेशा यही किया है. जॉर्ज साहब (जॉर्ज फर्नांडिस), दिग्विजय सिंह, शरद यादव, आरसीपी सिंह के उदाहरण सामने हैं. नितीश ने सीनियर्स का सम्मान नहीं किया तो बराबर वालों का कैसे करेंगे. चिराग ने कहा, नितीश ने हमेशा बांटो और राज करो की राजनीति में यकीन किया है.
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पिता की मौत के बाद छोड़ा था चिराग ने NDA
बिहार ही नहीं केंद्रीय राजनीति में भी दिग्गज कहे जाने वाले रामविलास पासवान (Ramvilas Paswan) के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान ने NDA से नाता तोड़ दिया था. उन्होंने साल 2020 के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी के उम्मीदवार 147 सीटों पर NDA के सामने उतारे थे. हालांकि उन्होंने तब भी भाजपा नेतृ्त्व वाले गठबंधन से बाहर होने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार (Nitish Kumar) को ही कारण बताया था. चिराग ने कहा था कि जदयू सुप्रीमो नितीश बिहार की राजनीति में उन्हें डुबोने की जुगत में हैं. इन विधानसभा चुनाव में चिराग की पार्टी लोजपा को महज एक सीट पर जीत मिलने के बाद खुद उनके ही घर में फूट हो गई थी और उनके चाचा पशुपति पारस पासवान पार्टी को भाजपा के साथ जोड़कर केंद्रीय मंत्री बन गए थे. चिराग की राजनीति खत्म मान ली गई थी, लेकिन पिछले साल उपचुनावों में दोबारा भाजपा उम्मीदवारों के लिए प्रचार करते हुए चिराग ने अपने संबंध में सुधारों के संकेत दे दिए थे.
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बिहार में चिराग का साथ आना भाजपा के लिए कैसे अहम
बिहार में यदि चिराग पासवान दोबारा NDA के साथ आते हैं, तो भाजपा को इसका बेहद लाभ मिलने वाला है. इससे लोकतांत्रिक जनशक्ति पार्टी (LJP) में चाचा-भतीजे के दोनों गुट एकसाथ खड़े होंगे. इसका मतलब है कि रामविलास पासवान का कोर वोट रही दलित जातियां फिर से LJP के साथ अपने इमोशंस को जोड़ सकेंगी. यह कुल वोट का करीब 15-16 फीसदी हिस्सा है, जिनमें 5 से 6 फीसदी पासवान वोट हैं. NDA के साथ गठबंधन में रहकर नितीश कुमार की जदयू ने पिछले विधानसभा चुनाव में 71 सीट जीती थीं, लेकिन इसमें भाजपा के कोर वोटबैंक का भी बड़ा हिस्सा था. ऐसे में यह तय है कि जदयू का वोटिंग शेयर घटने वाला है. ऐसे में चिराग को साथ लेने से सीधे तौर पर NDA को अपना वोट शेयर बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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