डीएनए हिंदी: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के मिशन मून चंद्रयान-3 के लिए आज यानी 22 सितंबर बड़ा दिन है. पिछले 16 दिन से स्लीप मोड में चले गए विक्रम लैंडर (Vikram Lander) और प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) को सक्रिय करने की कोशिश होगी. चंद्रमा पर रात होने से पहले रोवर और लैंडर दोनों इस महीने की शुरुआत में  2 और 4 सितंबर को सुप्तावस्था या स्लीप मोड में चले गए थे. इसरो अगर चंद्रमा पर सूर्योदय होते ही लैंडर और रोवर को फिर से सक्रिय कर देता है तो चंद्रयान-3 के पेलोड द्वारा एक बार फिर से प्रयोग किए जा सकेंगे.

सूरज की रोशनी से चार्ज होने की उम्मीद
चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र जहां विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों स्थित हैं. इनपर सूर्य की रोशनी फिर से आने और उनके सौर पैनल के जल्द ही चार्ज होने की उम्मीद है. इसरो अब लैंडर और रोवर के साथ फिर से संपर्क स्थापित करने और इन्हें सक्रिय करने का प्रयास करेगा. इसरो के अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र के निदेशक नीलेश देसाई ने बताया कि हमने लैंडर और रोवर दोनों को स्लीप मोड पर डाल दिया है क्योंकि तापमान शून्य से 120-200 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाएगा.

यह भी पढ़ें: महिला आरक्षण बिल 2024 के लोकसभा चुनाव में नहीं होगा लागू, जानें क्या है इस बारे में पूरी बात

20 सितंबर से चंद्रमा पर सूर्योदय हो रहा होगा और हमें उम्मीद है कि 22 सितंबर तक सौर पैनल और अन्य उपकरण पूरी तरह से चार्ज हो जाएंगे, इसलिए हम लैंडर और रोवर दोनों को सक्रिय करने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर हमारी किस्मत अच्छी रही, तो हमारे लैंडर और रोवर दोनों सक्रिय हो जाएंगे और हमें कुछ और प्रायोगिक डेटा मिलेंगे, जो चंद्रमा की सतह की आगे की जांच के लिए हमारे लिए उपयोगी होंगे. हम 22 सितंबर से होने वाली गतिविधि का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. हम लैंडर और रोवर दोनों को सक्रिय करने और कुछ और उपयोगी डेटा प्राप्त करने की उम्मीद कर रहे हैं.

चांद पर एक दिन धरती के 14 दिन के बराबर
चंद्रमा पर उतरने के बाद लैंडर विक्रम, रोवर प्रज्ञान और पेलोड ने एक के बाद एक प्रयोग किए ताकि उन्हें 14 पृथ्वी दिन (एक चंद्र दिवस) के भीतर पूरा किया जा सके. चंद्रमा पर एक दिन घरती के 14 दिन के बराबर होता है. लैंडर और रोवर का कुल वजन 1,752 किलोग्राम है और इन्हें वहां के परिवेश का अध्ययन करने के लिए एक चंद्र दिन की अवधि (लगभग 14 पृथ्वी दिवस) तक संचालित करने के लिए तैयार किया गया था. इसरो को उम्मीद है कि जब चंद्रमा पर फिर से सूर्योदय होगा तो ये फिर सक्रिय हो जाएंगे और वहां प्रयोग और अध्ययन करना जारी रखेंगे.

यह भी पढ़ें: राजनयिक निकाला, वीजा सस्पेंड, कनाडा के खिलाफ भारत के ये 3 बड़े एक्शन  

इसरो ने चार सितंबर को कहा था, सौर ऊर्जा खत्म हो जाने और बैटरी से भी ऊर्जा मिलना बंद हो जाने पर विक्रम, प्रज्ञान के पास ही निष्क्रिय अवस्था में चला जाएगा. उनके 22 सितंबर, 2023 के आसपास सक्रिय होने की उम्मीद है.’ इसरो ने कहा था कि पेलोड को बंद कर दिया गया और लैंडर के रिसीवर को चालू रखा गया है. भारत ने 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग के बाद इतिहास रच दिया था. भारत चंद्रमा की सतह पर पहुंचने वाला चौथा देश और इसके दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है. (PTI इनपुट के साथ)

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
chandrayaan 3 latest update ISRO to reactivate vikram lander and pragyan rover on Moon
Short Title
चंद्रयान 3 के लिए आज बड़ा दिन, स्लीप मोड से बाहर आएंगे लैंडर-रोवर 
Article Type
Language
Hindi
Section Hindi
Created by
Updated by
Published by
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Chandrayaan-3
Caption

Chandrayaan-3

Date updated
Date published
Home Title

चंद्रयान 3 के लिए आज बड़ा दिन, स्लीप मोड से बाहर आएंगे विक्रम-प्रज्ञान
 

Word Count
602