डीएनए हिंदी: वीडियोकॉन लोन केस में गिरफ्तार हुईं चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को तीन दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया गया है. शनिवार को सीबीआई ने ICICI बैंक की पूर्व सीईओ चंदा कोचर को मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट में पेश किया और तीन दिन की रिमांड मांगी. कोर्ट ने सीबीआई की अपील मंजूर कर ली है. सीबीआई ने शुक्रवार को वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस में चंदा कोचर और दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था. चंदा कोचर पर सीबीआई का आरोप है कि उन्होंने एक आपराधिक साजिश रचकर छह अलग-अलग कंपनियों को लोन दे दिए.

सीबीआई के मुताबिक, लोन में दी गई राशि कई करोड़ रुपये थी. चंदा कोचर ने ICICI बैंक के अलावा अन्य बैंकों पर भी दबाव डालकर लोन पारित करवा दिया था. इस मामले में शिकायत दर्ज होने के बाद सीबीआई ने जनवरी 2019 में अपनी मुंबई ब्रांच में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था. सीबीआई ने चंदा कोचर के खिलाफ आईपीसी की धारा 409 लगाने की भी अपील की है.

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सीबीआई के एक अधिकारी के अनुसार, चंदा कोचर, उनके पति और वीडियोकॉन ग्रुप के वेणुगोपाल धूत के खिलाफ दायर जनवरी 2019 के आधार पर गिरफ्तारियां की गई हैं. नूपावर रिन्यूएबल्स, सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भी एफआईआर में आरोपी बनाया गया था. वीडियोकॉन समूह को 2012 में आईसीआईसीआई बैंक से ऋण के रूप में कई सौ करोड़ रुपये मिलने के बाद धूत ने कथित तौर पर नूपावर में करोड़ों रुपये का निवेश किया. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपियों के ठिकानों पर तलाशी अभियान भी चलाया गया है और इस मामले से जुड़े कुछ दस्तावेज बरामद किए हैं.

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क्या है वीडियोकॉन लोन फ्रॉड केस?
1 मई 2009 को ICICI Bank की सीईओ बनने के बाद चंदा कोचर ने वीडियोकॉन ग्रुप के प्रमोटर वेणुगोपाल की कंपनियों के लिए गलत तरीके से लोन मंजूर कराए थे. सीईओ बनने के दो साल बाद ही साल 2011 में चंदा कोचर को पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया. चंदा कोचर ने वीडियोकॉन को लगभग 3,250 करोड़ रुपये का लोन जारी किया गया था जबकि वेणुगोपाल धूत ने चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को उनके बिजनेस में फायदा पहुंचाया था.

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इस मामले में दर्ज सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और वीडियोकॉन समूह के साथ जुड़ी चार अन्य कंपनियों को जून, 2009 से अक्टूबर 2011 के बीच 1,875 करोड़ रुपये के 6 लोन को मंजूरी देने में कथित गड़बड़ियों का पता चला. CBI का आरोप है कि वीडियोकॉन ग्रुप को दिए इस लोन को एक समिति द्वारा मंजूरी दी गई थी, जिसमें चंदा कोचर भी शामिल थीं. एजेंसी का कहना है कि उन्होंने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और वीडियोकॉन को लोन मंजूर करने के लिए वेणुगोपाल धूत से अपने पति के माध्यम से अवैध/अनुचित लाभ प्राप्त किया.

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सीबीआई को मिली चंदा कोचर की तीन दिन की रिमांड, मुश्किल में कोचर दंपति
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