उत्तराखंड के चमोली जिले में हुए भीषण हिमस्खलन में रविवार को 4 मजदूरों के शव और बरामद कर लिए गए हैं. इसके बाद मरने वालों की संख्या 8 पहुंच गई है. हादसा 28 फरवरी को बदरीनाथ के पास माणा गांव में सीमा सड़क संगठन (BRO) के कैंप में हुआ था. जिसमें कुल 54 मजदूर दब गए थे. 60 घंटे के ऑपरेशन के बाद 46 मजूदरों को बचा लिया गया, लेकिन 8 अपनी जान गंवा बैठे.
रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि आखिरी लापता मजदूर का शव भी मिल गया है. उसके साथ ही माणा गांव में चलाया जा रहा रेस्क्यू ऑपरेशन संपन्न हो गया. चमोली के जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने तलाश एवं बचाव अभियान के दौरान हिमस्खलन के कारण लापता चारों मजदूरों के शव बरामद होने की पुष्टि की. उन्होंने गोपेश्वर में बताया कि शुक्रवार को हुए हिमस्खलन के कारण 54 मजदूर बर्फ में फंस गए थे, जिनमें से 46 को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जबकि आठ अन्य की मौत हो गई.
इन मजदूरों के मिले शव
मनीष तिवारी के अनुसार, आज जिन चार मजदूरों के शव बरामद हुए हैं, उनकी पहचान उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के रुद्रपुर के रहने वाले अनिल कुमार (21), उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के अशोक (28), हिमाचल प्रदेश के ऊना के हरमेश चंद (30) और देहरादून के क्लेमेंटाउन क्षेत्र निवासी अरविंद (43) के रूप में हुई है. उन्होंने बताया कि 7 मृतकों के शवों को ज्योतिर्मठ लाया गया है, जहां उनका पोस्टमार्टम किया जा रहा है.
भारत-चीन सीमा पर करीब 3,200 मीटर की उंचाई पर स्थित आखिरी गांव माणा में हिमस्खलन होने से BRO कैंब में 8 कंटेनर में रह रहे बीआरओ के 54 मजूदर बर्फ में फंस गए थे. फंसे मजदूरों की संख्या पहले 55 बताई जा रही थी, लेकिन एक मजदूर के हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित अपने घर सुरक्षित पहुंच जाने की सूचना मिलने के बाद यह संख्या 54 रह गई.
सेना के डॉक्टरों ने बताया कि पहले बाहर निकाले गए 46 श्रमिकों को ज्योतिर्मठ के सैनिक अस्पताल लाया गया, जिनमें से रीढ़ की हड्डी की चोट से पीड़ित एक श्रमिक को हवाई एंबुलेंस के जरिए बेहतर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया. तीन मजदूर की हालत गंभीर है.
रेस्क्यू ऑपरेशन में खोजी कुत्तों की भी ली गई मदद
अधिकारियों के मुताबिक, मौसम विभाग ने सोमवार से मौसम के फिर से खराब होने की आशंका जताई है, जिसके मद्देनजर बचाव अभियान को गति देने के लिए हेलीकॉप्टर, खोजी कुत्तों और थर्मल इमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया. सेना, भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिवादन बल (SDRF), पुलिस, जिला आपदा प्रबंधन विभाग के 200 से अधिक कर्मियों द्वारा चलाए गए तलाश एवं बचाव अभियान के दौरान शनिवार तक बर्फ में फंसे 50 लोगों को निकाल लिया गया था, जिनमें से चार की मौत हो गई थी.
रेस्क्यू ऑपरेशन में भारतीय सेना की एविएशन कोर के तीन हेलीकॉप्टर, भारतीय वायु सेना के दो हेलीकॉप्टर और सेना द्वारा किराए पर लिए गए एक सिविल हेलीकॉप्टर सहित 6 हेलीकॉप्टर जुटे थे. सेना के अधिकारियों ने शनिवार को बचाव अभियान अधिकांश रूप से सेना और वायुसेना के हेलीकॉप्टर की मदद से ही चलाया, क्योंकि घटनास्थल तक पहुंचने का मार्ग कई स्थानों पर बर्फ से बाधित थी.
(With PTI inputs)
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

Chamoli Glacier Burst
रीढ़ की हड्डी टूटी, सिर में चोट... 46 मजदूरों निकाला गया, 8 की मौत, चमोली में 60 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन