डीएनए हिंदी: बिहार की राजधानी पटना में एक फर्जी डॉक्टर की खबर सामने आई है. यह हैरान करने वाला मामला पटना के एक नामचीन अस्पताल का है. जहां पर एक युवक फर्जी दस्तावेज के आधार पर नौकरी कर रहा था. उसका यह खेल तीन साल डॉक्टरी करने के बाद सामने आया है. अब इस मामले में पुलिस ने युवक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद शमीम फारूकी नाम के एक युवक ने फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे. जिसके आधार पर वह पटना एयरपोर्ट के पास एक नामचीन अस्पताल में डॉक्टरी कर रहा था. इस खेल का खुलासा केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने किया. ऐसा गंभीर मामला सामने आने के बाद सभी हैरान रह गए. मामले के खुलासे के बाद पुलिस ने फारूकी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. अब पुलिस मामले की गंभीरता के साथ जांच पड़ताल कर रही है.
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मोहम्मद शमीम पर लगे ऐसे आरोप
सीबीआई की दिल्ली यूनिट ने इस मामले का खुलासा किया. पुलिस के सामने सबूत पेश करते हुए CBI ने दावा किया गया कि युवक ने डॉक्टरी करने के लिए फर्जी दस्तावेज बनवाये हैं. सीबीआई के सबूत को देखते हुए पटना के शास्त्री नगर थाने में फारूकी के खिलाफ केस दर्ज कर किया गया. फारूकी पर अस्पताल में नियुक्ति के लिए जालसाजी, फर्जी दस्तावेज बनवाने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया गया है.
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3 साल से कर रहा था नौकरी
आरोपी प्राइवेट अस्पताल में 16 दिसंबर 2020 से नौकरी कर रहा था. दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया कि नियुक्ति के समय जितने भी दस्तावेज पेश किये गए थे. वह सब फर्जी थे, यहां तक युवक ने अनिवार्य बिहार मेडिकल काउंसिल का फर्जी पंजीकरण भी पेश किया था. जानकारी के लिए बता दें कि युवक विदेशी मेडिकल योग्यता रखने वाले भारतीय नागरिकों का स्क्रीनिंग टेस्ट में 2012 में शामिल हुआ था.
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फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेट के सहारे 3 साल तक करता रहा डॉक्टरी, अब CBI ने दर्ज किया केस