संसद से मंजूरी मिलने के पांच साल बाद आज देशभर में नागरिकता संशोधन कानून यानी CAA लागू हो गया है. मोदी सरकार ने इसको लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. 2019 के लोकसभा चुनाव में CAA लागू करने को बीजेपी ने अपना संकल्प बताया था और अब 2024 के चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने इस संकल्प को पूरा किया है. जिससे बीजेपी को फायदा होना तय माना जा रहा है. इस कानून के जरिए किन-किन लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी और प्रक्रिया होगी? आइये जानते हैं.

सीएए लागू होने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए शरणार्थियों को भारत की नागरिकता मिल जाएगी. इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल होंगे. भारतीय नागरिकता उन्हीं विदेशी गैर मुस्लिमों को दी जायेगी, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए हैं. शरणार्थियों को नागरिकता देने की पूरी प्रक्रिया Online होगी, इसके लिए Online Portal Launch किया गया है. इस पोर्टल पर भारत की नागरिकता पाने के लिए अप्लाई कर सकते हैं.

इन सवालों के देने होंगे जवाब

  • किस वर्ष भारत में बिना वैध दस्तावेज के प्रवेश किया.
  • भारत में प्रवेश के बाद वो कितने वर्ष कहां-कहां रहा है.
  • आवेदक को अपना देश छोड़ने की वजह बतानी होगी.
  • वर्तमान व्यवसाय की जानकारी Online देनी होगी.
  • अगर कोई आपराधिक Record है तो उसकी जानकारी देनी होगी.

दरअसल, बांग्लादेश से भारत में प्रवेश करने वाले हिंदुओं का वास्तविक Data सरकार के पास नहीं है. ऐसा ही पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नागरिकों को लेकर भी है. इसलिए तीन देशों के जिन नागरिकों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. उनसे सिर्फ Online जानकारी ली जाएगी. सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में आवेदक से किसी तरह के संबंधित दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे.

5 साल बाद क्यों हुआ लागू?
 Citizenship Amendment Act दिसंबर 2019 में पास हो गया था, लेकिन लागू 2024 में हुआ है. जबकि संसदीय प्रक्रिया के नियमों के मुताबिक, किसी भी कानून के नियम राष्ट्रपति की सहमति मिलने के 6 महीने के अंदर लागू हो जाना चाहिए. CAA के लागू होने में देरी की कुछ वजह थी. एक तो विरोध प्रदर्शन और दूसरा कोरोना महामारी थी. 2019 में जब बिल पास हुआ तो देशभर में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुए. 24 मार्च 2020 तक प्रदर्शनकारी सड़कों पर डंटे रहे. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटाया गया.

याचिकाकर्ताओं की दलील दी कि CAA धर्म को आधार बनाकर नागरिकता देने वाला कानून है. जबकि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. इसपर सरकार ने जवाब देते हुए कहा था कि CAA धर्म के नाम पर होने वाले भेदभाव के पीड़ितों को नागरिकता देने वाला कानून है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया था कि बर्मा, श्रीलंका जैसे देशों के गैर मुस्लिम पीड़ितों को नागरिकता देने से क्यों दूर रखा गया?

इसपर मोदी सरकार जवाब दिया कि 70 वर्षों की स्थिति को आधार बनाकर यह कानून बनाया गया है. इसमें उन देशों के गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है, जो देश धर्म के आधार पर बने हैं. गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बयान देकर CAA पर भ्रम की स्थिति को साफ किया था. उन्होंने कहा था कि CAA नागरिकता छीनने वाला नहीं, बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है. हाल ही में बंगाल में रैली के दौरान अमित शाह ने कहा था कि CAA को लागू होने से कोई रोक नहीं सकता.

इन राज्यों में नहीं लागू होगा CAA
पूर्वोत्तर के मेघालय, असम, अरुणाचल, मणिपुर और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर सीएए 2019 लागू नहीं होगा. इन क्षेत्रों में संविधान की छठवीं सूची के तहत Inner Line Permit व्यवस्था लागू है. इनर लाइन परमिट व्यवस्था इन इलाकों के मूल निवासियों की पहचान को सुरक्षित रखने के लिए लागू की गई है.

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CAA लागू होने से किन-किन लोगों को मिलेगी भारत की नागरिकता, क्या होगी प्रक्रिया?
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CAA लागू होने से किन-किन लोगों को मिलेगी भारत की नागरिकता, क्या होगी प्रक्रिया? 
 

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