डीएनए हिंदी: लोकसभा चुनाव 2024 में अभी लगभग 10 महीनों का समय बाकी है. दो बार से सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को हटाने के लिए इस बार विपक्षी पार्टियां लामबंद हो रही हैं. विपक्ष की कोशिश है कि ज्यादातर सीटों पर बीजेपी के सामने एक ही विपक्षी उम्मीदवार हो. विपक्ष की इस चाल को देखते हुए बीजेपी भी सतर्क हो गई है. पटना के बाद बेंगलुरु में विपक्ष की दूसरी बैठक हो रही है. इसके जवाब में अब बीजेपी ने भी एनडीए की बैठक बुला ली है. इस बैठक से पहले ही बीजेपी ने उत्तर प्रदेश, बिहार और महाराष्ट्र में कुछ नए-पुराने साथियों को जोड़ा है. विपक्ष की 24 पार्टियों के जवाब में एनडीए की 38 पार्टियों का जुटान आज दिल्ली में होना है.
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने ओम प्रकाश राजभर की एसबीएसपी को एक बार फिर अपने साथ ले लिया है. बिहार में जीतन राम मांझी और चिराग पासवान भी एनडीए खेमे में लौट आए हैं. महाराष्ट्र में पहले ही शिवसेना और एनसीपी में फूट पड़ गई है और दोनों के बहुमत वाले धड़े एनडीए के साथ हैं. बता दें कि इन तीनों राज्यों को मिलाकर लोकसभा की कुल 168 सीटें बनती हैं. ऐसे में बीजेपी की नजर भी इन राज्यों पर है जिससे कि बड़े राज्यों से ज्यादा से ज्यादा सीटें निकाली जा सकें. विपक्ष भी इन राज्यों में गठबंधन के संयोजन पर माथापच्ची कर रहा है. बिहार और महाराष्ट्र में तो विपक्ष में सीटों का बंटवारा आसान है लेकिन उत्तर प्रदेश में पेच फंस सकता है.
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मीटिंग से पहले बोले राजभर-यूपी की 80 सीटें जीतेंगे
यूपी सरकार के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश राजभर अपने बोलने के अंदाज और चुटीली प्रतिक्रियाओं की वजह से जाने जाते हैं. अब एनडीए में शामिल होने के बाद वह विपक्ष पर हमलावर हैं. एनडीए की मीटिंग में शामिल होने से ठीक पहले राजभर ने कहा है, 'देश की राजनीति में अब लड़ाई नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. अगर आप यूपी को ही देखें तो यहां 80 सीट हैं. विपक्ष इसमें से कहां जीतेगा? 80 की 80 सीटें एनडीए के खाते में जाएंगी. चुनाव अब एक फॉर्मैलिटी रह गया है. विपक्ष कितना भी चिल्ला ले कुछ होने वाला नहीं है.'
#WATCH | Lucknow, UP | Ahead of the NDA meeting today, Suheldev Bharatiya Samaj Party founder-president Om Prakash Rajbhar says, "There is nothing like a fight in the country's politics anymore. If you look at UP, there are 80 seats - where will the Opposition win? All 80 seats… pic.twitter.com/orUpQ4B3Yc
— ANI (@ANI) July 18, 2023
दूसरी तरफ बिहार में महागठबंधन के खिलाफ जीतन राम मांझी और चिराग पासवान को वापस लाकर बीजेपी भी जोश में है. उनके साथ, उनके चाचा पशुपति पारस का गुट भी एनडीए की बैठक में शामिल होगा. इसके अलावा, यूपी में निषाद पार्टी और अपना दल, महाराष्ट्र में शिवसेना (एकनाथ शिंदे), एनसीपी (अजित पवार) और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल को भी एनडीए की मीटिंग का न्योता भेजा गया है.
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दलित-ओबीसी वोटर्स पर है बीजेपी का फोकस
इन पार्टियों के वोटबैंक पर ध्यान दें तो एलजेपी, निषाद पार्टी, एसबीएसपी, अपना दल, HAM, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया और आजसू जैसी पार्टियां ऐसी हैं जिनकी पकड़ दलित, ओबीसी और आदिवासी मतदाताओं पर है. इसके अलावा, किसान, मराठा, तेलुगु, पंथक, आदिवासी, गोरखा, बोडो, मिजो, असमिया और जनजातीय वोटों पर पकड़ रखने वाली पार्टियों को भी गठबंधन की इस मीटिंग में शामिल होने का न्योता दिया गया है.
विपक्ष के जवाब में बीजेपी की कोशिश भी यही है कि समान विचारधारा वाली या पुरानी सहयोगी पार्टियां अलग न लड़ें. विपक्ष की तरह ही बीजेपी की कोशिश भी यही है कि बीजेपी की ओर से एक ही उम्मीदवार हो और बाकी के दल उस उम्मीदवार का समर्थन करें.
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