डीएनए हिंदी: बिहार के भागलपुर में एक ऐसी घटना हुई है जिसने 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' के विचार को गहरा धक्का पहुंचाया है. मां-बाप ने पैदा होते ही इस बेटी को गंगा नदी में बहा दिया था. गनीमत यह रही कि बिहार पुलिस के एक सिपाही की नजर पड़ गई और उसने बेटी की जान बचा ली. इस सिपाही ने अपनी जान की परवाह भी नहीं की और पुल से नीचे उतरकर बच्ची को बचाया. बच्ची को तुरंत ही अस्पताल भेजा गया जहां उसका मेडिकल चेकअप करवाया गया. स्थानीय प्रशासन की ओर से बताया गया है कि बच्ची के ठीक हो जाने के बाद उसे अनाथालय में रखा जाएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, इस बच्ची को एक थैली में कपड़े में लपेटकर विक्रमशिला पुल से नीचे फेंका गया था. अच्छी बात यह थी कि जिस बैग में करके इस बच्ची को पुल से नीचे फेंकने की कोशिश की गई थी उस बैग का एक हिस्सा रेलिंग के गर्डर में अटक गया था. कुछ देर में बच्ची के रोने की आवाज आने लगी तो लोग जमा हो गए. भीड़ में से ही किसी ने इसकी सूचना ट्रैफिक पुलिस को दी.
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जान की परवाह किए बिना बचाई बच्ची की जान
सूचना पर पहुंचे बिहार पुलिस के जवान ने रात के अंधेरे में अपनी जान की परवाह किए बिना ही गर्डर पर चढ़कर बच्ची को बचा लिया. बच्ची को बचाने के बाद पुलिसकर्मी ने इसकी सूचना स्थानीय डीएसपी और एसडीओ को दी. बाद में बच्ची को JLN एमसीएच अस्पताल मायागंज में भर्ती कराया गया. कहा गया है कि चाइल्ड लाइन से सहयोग से फिलहाल इस बच्ची को अनाथालाय में रखा जाएगा.
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घटनास्थल पर जुटे लोगों ने इस सिपाही की जमकर तारीफ की. वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स भी इस सिपाही की खुले दिल से तारीफ कर रहे हैं और उसे 'मसीहा' बता रहे हैं. डॉक्टर्स ने बताया है कि अगर बच्ची को थोड़ी देर बाद लाया जाता तो शायद उसकी जान नहीं बच पाती. फिलहाल, यह नहीं पता चल पाया है कि बच्ची को यहां किसने फेंका था.
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मां-बाप ने पैदा होते ही बेटी को गंगा में फेंका, बिहार पुलिस के सिपाही ने बचा ली जान