डीएनए हिंदी: राजस्थान में कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की महत्वाकांक्षी भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra) 3 दिसंबर को दस्तक देने वाली है. यात्रा के मद्देनजर इंतजाम करने के लिए राजस्थान कांग्रेस (Congress) के कार्यकर्ता जुट गए हैं. यात्रा की व्यवस्था और तैयारियों की निगरानी करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर अलग-अलग समितियों का गठन किया गया है.
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, राजस्थान ऐसे वक्त में पहुंच रही है जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच सियासी खींचतान अपने चरम पर है. कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव से अशोक गहलोत का पीछे हटना, एक बार फिर सचिन पायलट का सत्ता से दूर हो जाना, कई ऐसी वजहें हैं जो दोनों नेताओं के बीच तल्खियों को और बढ़ा रहे हैं.
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कांग्रेस कार्यकर्ताओं को है कल खत्म होने की उम्मीद
राहुल गांधी की अहम यात्रा में कांग्रेस कार्यकर्ता (Congress Workers) उम्मीद जता रहे हैं कि तल्खियां मिट सकती हैं. राहुल की यात्रा के दौरान दोनों नेताओं को एकसाथ आना पड़ सकता है. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में करीब 20 दिन चलने वाली है.
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पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के खेमे के विधायकों ने जहां कांग्रेस आलाकमान के सामने लंबित मुद्दों को हल करने की मांग उठाई है. वहीं, गुर्जर समुदाय के नेता विजय सिंह बैंसला ने अपनी पुरानी मांगों को लेकर यात्रा का विरोध करने की धमकी दी है.
कहां-कहां से गुजरेगी राहुल गांधी की पदयात्रा?
राहुल गांधी की पदयात्रा मध्य प्रदेश से राजस्थान के झालावाड़ में प्रवेश करेगी. राज्य में लगभग 20 दिन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा झालावाड़, कोटा, सवाई माधोपुर, दौसा और अलवर से होकर गुजरेगी. यात्रा 18 विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगी, जिनमें से 12 कांग्रेस के पास हैं. इनमें से कई विधानसभा क्षेत्र गुर्जर और मीणा समुदाय बाहुल्य हैं.
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राज्य और जिला स्तरीय समितियों का गठन
कांग्रेस ने यात्रा की तैयारियों को लेकर राज्य व जिला स्तर की समन्वय समितियां बनाई हैं. जयपुर में एक नियंत्रण कक्ष का संचालन भी शुरू कर दिया गया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विश्वास जताया है कि राजस्थान में यात्रा सफल और ऐतिहासिक साबित होगी.
फिर बढ़ी गहलोत-पायलट खेमे में खींचतान
भारत जोड़ो यात्रा से पहले राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के नेतृत्व वाले खेमों में खींचतान फिर तेज हो गई है. सत्ता और संगठन में भागीदारी की लगातार वकालत कर रहे पायलट के वफादारों का मानना है कि यह यात्रा उनकी मांगों को लेकर दबाव बनाने का निर्णायक अवसर हो सकती है. इसलिए दोनों गुटों के बीच कुछ दिनों की शांति के बाद एक बार फिर राजनीतिक बयानबाजी का दौर शुरू हो गया है.
बंट गए हैं अलग-अलग धड़े
राजस्थान में अगले विधानसभा चुनाव एक साल बाद होने हैं. अजय माकन के पत्र के सामने आने से पहले हाड़ौती क्षेत्र के कांग्रेस नेताओं ने अपने-अपने जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने से पहले सभी लंबित मुद्दों को हल करने की मांग की थी. पायलट खेमे के विधायक कह रहे हैं कि राज्य में भ्रम की स्थिति न रहे, सचिन पायलट की भूमिका को लेकर स्पष्टीकरण दे दिया जाए.
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क्या सुलझ जाएगा गहलोत-पायलट विवाद?
सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच जारी विवाद को कई मौकों पर खत्म कराने की कोशिशें हो चुकी हैं लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला है. सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे से अजय माकन तक, हर किसी ने विवाद सुलझाने की कोशिश की लेकिन दोनों के बीच ताल-मेल नहीं बन सका.
राहुल गांधी का फोकस केवल भारत जोड़ो यात्रा पर है. वह दोनों नेताओं के बीच विवाद को यात्रा के दौरान नहीं सुलझाएंगे. ऐसे में यात्रा के दौरान राहुल गांधी के साथ अशोक गहलोत और सचिन पायलट साथ तो नजर आ सकते हैं लेकिन दोनों के बीच विवाद सुलझ जाएगा, यह कहन अभी मुश्किल है.
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राजस्थान कांग्रेस का कलह खत्म करेंगे राहुल गांधी, फिर साथ आएंगे सचिन पायलट-अशोक गहलोत?