बारदोली संसदीय क्षेत्र अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए सुरक्षित सीट है. यह सीट 2008 में हुए परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई. यहां पहली बार 2009 में चुनाव हुआ और इसके पहले संसद सदस्य कांग्रेस के तुषार अमरसिंह चौधरी थे. इस संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 7 सीटें शामिल हैं. ये सीटें हैं - मंगरोल, मांडवी, कामरेज, बारडोली, महुवा, व्यारा और निजार. 2024 के आम चुनाव में इस सीट के लिए 7 मई को मतदान होना है. इस बार इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद प्रभुभाई नागरभाई वसावा पर भरोसा जताया है जबकि कांग्रेस ने सिद्धार्थ चौधरी पर दांव खेला है.
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2019 के आम चुनाव में बारदोली लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रभुभाई नागरभाई वसावा जीते थे. उन्हें कुल 742273 वोट मिले थे. इस चुनाव में उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के उम्मीदवार चौधरी डॉ तुषारभाई अमरसिंहभाई रहे थे. उन्हें इस क्षेत्र के कुल 526826 वोटरों का समर्थन मिला था, बावजूद वे 215447 वोटों के अंतर से चुनाव हार गए थे. 2019 के चुनाव में बारडोली संसदीय क्षेत्र में कुल 1826526 मतदाता थे. इसमें महिला मतदाताओं की संख्या 891643 थी, जबकि पुरुष मतदाता 934863.
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याद रहे, 1928 में यहीं से बारदोली सत्याग्रह की शुरुआत हुई थी. इस सत्याग्रह की अगुवाई सरदार वल्लभभाई पटेल ने की थी. दरअसल, तब के भारत में ब्रिटिश सरकार की दमनकारी नीतियां अपने चरम पर थीं. इन्हीं नीतियों के बारडोली सत्याग्रह एक अहिंसक विरोध का प्रतीक था. फिलवक्त यह शहर गुजरात की मजबूत कृषि का बड़ा स्तंभ है और बड़े पैमाने पर यहां चीनी उद्योग हैं. यहां तरसादिया यूनिवर्सिटी और गुजरात टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी भी हैं.
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