बांग्लादेश इस वक्त भारी उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है. भारत के पड़ोसी देश में आरक्षण मुद्दे पर भड़की हिंसा के बाद भीड़ ने प्रधानमंत्री आवास को चारों ओर से घेर लिया और धावा बोल दिया है. इसके बाद प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) ने इस्तीफा दे दिया है और वह अगरतला पहुंच गई हैं. फिलहाल देश की बागडोर सेना के हाथ में जा रही है और इसका असर भारत और बांग्लादेश के रिश्तों पर भी पड़ सकता है. जानें इसके समीकरण.
भारत-बांग्लादेश संबंध पर क्या असर पड़ेगा
भारत और बांग्लादेश के बीच अब तक महत्वपूर्ण सहयोगी के तौर पर संबंध रहे हैं. खास तौर पर शेख हसीना के परिवार के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ रहे हैं. बांग्लादेश की सीमाएं 3 तरफ से भारत से घिरी हैं और भारत के लिए रणनीतिक के साथ ही व्यापारिक और सुरक्षा की दृष्टि से भी पड़ोसी देश की स्थिति बेहद अहम है. बांग्लादेश की रणनीतिक स्थिति को देखते हुए चीन की भी नजर अपनी दखल बढ़ाने को लेकर है. हालांकि, सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी.
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चीन लंबे समय से बांग्लादेश पर गड़ाए है नजर
भारत ने बांग्लादेश में भारी निवेश किया है और दोनों देशों के बीच छिटपुट सीमा विवाद को छोड़कर कभी बड़े विवाद की स्थिति नहीं बनी है. पिछले 5 सालों में चीन ने बांग्लादेश में भारी निवेश किया है. बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट चीन का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है जिसमें वह रणनीतिक और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए बांग्लादेश को जोड़ने के लिए हर तिकड़म भिड़ा है.
शेख हसीना ने चीन के साथ संबंध प्रगाढ़ करते रहने के बावजूद भी भारत के साथ संबंधों को हमेशा तरजीह दी थी. सत्ता परिवर्तन के बाद अगर ढाका की रणनीति बदलती है, तो भारत के लिए टेंशन बढ़ सकती है.
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भारत-बांग्लादेश सीमा पर बढ़ सकता है तनाव
बांग्लादेश से आने वाले अवैध शरणार्थियों को लेकर पहले से ही सीमा विवाद चल रहा है. बांग्लादेश में तख्ता पलट के बाद बॉर्डर एरिया में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. हालांकि, फिलहाल सेना ने शीघ्र सरकार गठन की बात कही है, लेकिन अगर सत्ता में विपक्षी पार्टियां आती हैं तो सीमा पर संघर्ष बढ़ने की भी आशंका है. बंगाल देश की मु्ख्य विपक्षी बीएनपी (BNP) का रुख भारत के लिए सख्त रहा है और पिछले कुछ वक्त में वहां आम लोगों के बीच भी रई बार भारत विरोधी भावनाएं देखने को मिली हैं.
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शेख हसीना का इस्तीफा सेना के हाथ में बांग्लादेश की कमान, क्या होगा भारत पर असर