Bahraich Riots News: बहराइच में दंगों के आरोपियों की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार के बुलडोजर एक्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. इस पर जल्द ही सुनवाई की मांग की गई है. सीनियर एडवोकेट सी.यू. सिंह ने कोर्ट को बताया कि 13 अक्टूबर को एक जुलूस निकाला गया था, जिसके बाद यह घटना हुई.
घर गिराने की नोटिस पर याचिका
तीन आरोपियों ने अपने घरों को गिराने के लिए मिले नोटिस के खिलाफ यह याचिका दायर की है, क्योंकि उन्हें तीन दिनों के अंदर घर खाली करने का आदेश दिया गया था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनके पिता और भाई पहले ही पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर चुके हैं. सिंह ने अदालत के आदेशों का उल्लंघन बताते हुए तर्क दिया कि PWD ने तीन दिनों में ध्वस्तीकरण का नोटिस जारी कर दिया, जबकि वह इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए अदालत में लाने की कोशिश कर रहे थे.
अदालत की कड़ा आदेश
न्यायमूर्ति बी. आर. गवई ने पूछा, "क्या यह मामला हाईकोर्ट में है?" और कहा, "यदि सरकारी अधिकारी अदालत के आदेशों का उल्लंघन करते हैं, तो यह उनका निर्णय होगा. सरकार की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने अदालत को बताया कि 20 अक्टूबर को 15 दिनों का नोटिस जारी किया गया है.
कार्रवाई पर रोक
याचिकाकर्ताओं के वकील ने तर्क दिया कि उनके मुवक्किलों के घर काफी पुराने हैं. एक 10 साल पुराना और दूसरा 70 साल पुराना. अदालत ने आदेश दिया कि मामले की सुनवाई तक कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी और अगली सुनवाई बुधवार को होगी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया कि बुधवार तक किसी भी तरह की कार्रवाई न की जाए.
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'आदेश का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं', सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी, बहराइच में बुलडोजर एक्शन पर रोक