बिहार के औरंगाबाद लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा सांसद सुशील कुमार सिंह को टिकट दिया है, जबकि राजनद ने अभय कुमार सिंह पर दांव खेला है. अभय कुमार सिंह कुशवाहा समाज से आते हैं. औरंगाबाद सीट को 'राजपूतों का गढ़' या 'बिहार का चितौड़गढ़' भी कहते हैं. दरअसल यहां सबसे अधिक संख्या राजपूत समाज के लोगों की है. इस सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होना है.
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औरंगाबाद सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा है. वह यहां से नौ बार विजयी रही है. यहां की सियासत अनुग्रह नारायण सिंह के परिवार के इर्द-गिर्द घूमती रही है. यहां के पहले सांसद सत्येंद्र नारायण सिंह थे. पहली बार 1989 में सत्येंद्र नारायण सिन्हा के परिवार को हार का सामना करना पड़ा था, तब रामनरेश सिंह ने जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज की थी. भारतीय जनता पार्टी को इस सीट पर 2014 में जीत का पहला स्वाद मिला और सुशील कुमार सिंह सांसद बने. 2019 में भी सुशील कुमार सिंह ने यहां से भाजपा को जीत दिलाई. सुशील कुमार सिंह पूर्व सांसद राम नरेश सिंह के बेटे हैं. सुशील कुार सिंह ने 1998 में यहां से समता पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था. 2009 में उनको जनता दल (यूनाइटेड) से जीत मिली थी. राजद (RJD) ने यहां से अभय कुमार सिंह को टिकट दिया है, जो कुशवाहा समाज से हैं. इनके अलावा इस सीट पर 7 उम्मीदवार और हैं - बहुजन समाज पार्टी ने सुनेश कुमार को प्रत्याशी बनाया है, अखिल हिंद फॉरवर्ड ब्लॉक (क्रांतिकारी) ने शैलेश राही को, राष्ट्रीय जनसंभावना पार्टी ने रामजीत सिंह को, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक) ने प्रतिभा रानी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि मोहम्मद वली उल्लाह खान, राज बल्लभ सिंह और सुरेश प्रसाद वर्मा स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.
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2019 में हुए आम चुनाव में इस सीट से बीजेपी के सुशील कुमार सिंह की जीत हुई थी. उन्हें कुल 427721 वोट मिले थे. सुशील सिंह के निकटतम प्रतिद्वंद्वी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) के उपेंद्र प्रसाद थे. उन्हें इस क्षेत्र की 357169 वोटर्स का साथ मिला था. 70552 वोटों के अंतर से बीजेपी ने यह चुनाव जीत लिया था. 2019 के आम चुनाव में औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में कुल वोटर्स 1742883 थे. इसमें महिला वोटरों की संख्या 822565 थी, जबकि पुरुष वोटर 920266 थे. बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित औरंगाबाद की 70 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. हालांकि यहां सिंचाई की मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो सकी है. औरंगाबाद रेल सेवा से अब तक नहीं जुड़ा है. यह इलाका नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में भी जाना जाता है. औरंगाबाद संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 6 सीटें शामिल हैं. ये सीटे हैं - कुटुम्बा (एससी), औरंगाबाद, रफीगंज, गुरुआ, इमामगंज (एससी) और टिकारी.
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