डीएनए हिंदी: असम सरकार बाल विवाह के खिलाफ बड़े स्तर पर एक्शन लेने की तैयारी कर रही है. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने कहा है कि उनकी सरकार कम उम्र में विवाह की विरोधी है. भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार ने 14 साल से कम उम्र की नाबालिग लड़कियों से शादी करने वाले पुरुषों के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है. अगर कोई शख्स ऐसी शादी रचाता है तो उसे पॉक्सो एक्ट के तहत जेल की हवा खानी होगी.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शनिवार को एक बार फिर दोहराया है कि सरकार कम उम्र में विवाह और इस दौरान बच्चे के जन्म को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. मुख्यमंत्री की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब राज्य सरकार ने बाल विवाह और कम उम्र में मां बनने की परिपाटी को रोकने के लिए सख्त कानून लाने और यौन अपराधों से बालकों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम की धाराओं का इस्तेमाल करने का फैसला किया है.
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हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा, 'हजारों पति अगले पांच से छह महीने में गिरफ्तार होंगे क्योंकि 14 साल से कम उम्र की लड़की के साथ यौन संबंध बनाना अपराध होगा, भले वे वैध तरीके से उसके पति हैं. लड़कियों के विवाह की कानूनी उम्र 18 साल है और जो इससे कम उम्र की लड़की से शादी करेंगे उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.' हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा, 'कई लगो जो कम उम्र की लड़कियों से शादी करेंगे) जेल का सामना कर सकते हैं.
मातृत्व पर क्या बोले सीएम हिमंता?
मातृत्व पर बोलते हुए सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि महिलाओं को मां बनने को लेकर लंबे समय तक प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि उम्र बढ़ने पर जटिलताएं बढ़ती हैं. उन्होंने कहा कि मां बनने की उचित उम्र 22 से 30 वर्ष है. जिन महिलाओं ने अबतक शादी नहीं की है उन्हें परिणय सूत्र में बंध जाना चाहिए.'
कम उम्र में विवाह के खिलाफ है असम सरकार
सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, 'हम बहुत कम उम्र में मां बनने के खिलाफ हैं लेकिन साथ ही महिलाओं को बहुत इंतजार नहीं करना चाहिए जैसा कई करती हैं. ईश्वर ने हमारे शरीर को ऐसा बनाया है कि सभी चीजों के लिए एक उचित उम्र है.'
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क्यों असम सरकार के फैसले पर बरपा है हंगामा?
असम मंत्रिमंडल ने सोमवार को फैसला किया कि जो पुरुष 14 साल से कम उम्र की लड़की से शादी करेंगे उनके खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी. 14 से 18 साल उम्र तक की लड़कियों से विवाह करने वालों के खिलाफ बाल विवाह निषेध अधिनियम-2006 के तहत कार्रवाई की जाएगी.
किस समुदाय पर होगा असर?
असम सरकार के इस फैसले का असर बंगाली मूल के मुस्लिमों पर सबसे ज्यादा पड़ सकता है. इस समुदाय में सबसे ज्यादा बाल विवाह होता है. सामान्य लड़कियों की तुलना में मुस्लिम लड़कियों के लिए विवाह की उम्र भी कम मानी जाती है. मुस्लिम लड़की 15 साल की उम्र में शादी कर सकती है. चाय जनजाति और कुछ दूसरी जनजातियों में भी बाल विवाह सबसे ज्यादा होता है. अब बीजेपी सरकार पर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लग रहा है. हिमंत सरकार, सभी को इस कानून के तहत लाने की कोशिश कर रही है.
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