डीएनए हिंदी: राजस्थान कांग्रेस के सियासी घमासान के बीच अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बीजेपी (BJP) पर कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी ने एक बार फिर उनकी सरकार गिराने की कोशिश की है. इतना ही नहीं, उन्होंने सचिन पायलट (Sachin Pilot) पर हमला बोलते हुए कहा कि सचिन पायलट ने अमित शाह (Amit Shah) के साथ मीटिंग कर पार्टी को धोखा देने की भी कोशिश की है.
दरअसल, अशोक गहलोत ने कहा, "बीजेपी ने 10 करोड़ से अधिक में विधायक खरीदने की कोशिश. उन्होंने बीजेपी पर हॉर्स ट्रेडिंग का लगाते हुए कहा, "वह सरकार गिराना चाहती थी. 50 साल के इतिहास में पहली बार कांग्रेस में ऐसी स्थिति पैदा हुई है." गहलोत ने कहा, "पार्टी के लिए 2 साल पहले गंभीर संकट आया था. उस समय जिन 102 विधायकों ने सरकार के साथ-साथ पार्टी की इज्जत बचाई थी उन सहयोगी विधायकों का विश्वास नहीं तोडूंगा." गहलोत ने कहा,"मैं अगर कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनता तो यह 102 विधायक के साथ नाइंसाफी होती."
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BJP पर लगाए गंभीर आरोप
इस मामले में अशोक गहलोत ने राजस्थान की राजनीति को लेकर पत्रकारों से बातचीत में कहा,"कांग्रेस के लिए आगामी विधानसभा चुनाव जीतना जरूरी है. राजस्थान के विधानसभा चुनाव का देशभर में पार्टी के लिए खास महत्व है." इस दौरान उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी तुष्टीकरण की राजनीति और देश में विभाजन का माहौल पैदा कर रही है और प्रत्येक गैर भाजपा शासित राज्य में ऑपरेशन लोटस चला रही है.
सचिन पायलट पर बोला हमला
इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी के नेता सचिन पायलट पर भी हमला बोला है. उन्होंने कहा, "उनकी सरकार को गिराने के लिए अमित शाह के घर मीटिंग हुई. सब जानते हैं. कुछ विधायक भी गए थे. अमित शाह के घर धर्मेंद्र प्रधान और जफर इस्लाम भी मौजूद थे. सब बात कर रहे थे. अमित शाह हमारे विधायकों को मिठाई खिला रहे थे.थोड़ा इंतजार करिए.
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102 विधायकों को नहीं भूलूंगा
अशोक गहलोत ने पार्टी की सरकार बचने को लेकर कहा, "आखिर में सच्चाई की विजय हुई. हमारी सरकार बच गई. हम कैसे भूल सकते हैं सरकार बचाने वाले विधायकों को. 102 विधायकों को कैसे भूल सकता हूं. मैं कहा रहूं या नहीं रहूं. यह अलग बात है. मैं विधायकों का अभिभावक हूं. आज दो-चार विधायक मेरे खिलाफ कमेंट भी कर देते हैं तो मैं बुरा नहीं मानता हूं.
क्यों भड़क गए विधायक?
राजस्थान के सियासी कांड को लेकर अशोक गहलोत ने कहा, "जब हमेशा जब सीएम जानने लगता है, बदल दिए जाते हैं. उस वक्त 80 प्रतिशत विधायक मुख्यमंत्री का साथ छोड़ देते हैं. नया आ रहा है. उसकों पकड़ों. हमें मंत्री बनना है. हमें काम पड़ेंगे उनसे. ये कायदा होता है. मैं इसे बुरा नहीं मानता हूं.
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अशोक गहलोत ने कहा है कि क्या कारण था कि नया मुख्यमंत्री के नाम से ही 102 लोग भड़क गए. इस तरह आजतक कभी नहीं हुआ. इन विधायकों को क्या भय था, क्या फीलिंग थी मन के अंदर. सबसे बड़ी बात तो यह है कि कैसे उनकों मालूम पड़ा. कैसे अंदाज कर लिया. मैं नहीं कर पाय. वो कर पाए. विधायकों के भड़कने की नौबत क्यों आई. हमारी नेताओं को और सभी पक्षों को सोचना चाहिए."
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष चुनावों को लेकर यह माना जा रहा था कि अशोक गहलोत सबसे तगड़े उम्मीदवार होंगे लेकिन राजस्थान के सियासी समीकरण के चलते उनकी सीएम पद की कुर्सी तक जा सकती है.
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अशोक गहलोत ने बीजेपी पर लगाया विधायक खरीदने का आरोप, पायलट गुट पर भी बोला हमला