चीन अपनी नापाक हरकतों से कभी बाज नहीं आएगा. वह वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) फिर साजिश रच रहा है. थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में चीन और भारत के बीच जारी सैन्य गतिरोध के बीच वह एक बस्ती बसा रहा है. सेना चीफ ने कहा कि स्थिति स्थिर है, लेकिन सामान्य नहीं है. हालात संवेदनशील हैं. जनरल द्विवेदी ने कहा कि विवाद के समाधान पर दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक वार्ता से एक सकारात्मक संकेत सामने आ रहा है. किसी भी योजना का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है.

आर्मी प्रमुख ने कहा कि इस पूरे परिदृश्य में विश्वास को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है. उन्होंने कहा कि एलएसी पर स्थिति स्थिर है, लेकिन यह सामान्य नहीं. अगर ऐसा है, तो हम क्या चाहते हैं? हम चाहते हैं कि अप्रैल 2020 से पहले वाली स्थिति बहाल हो.’ चीन और भारत की सेनाओं के बीच गतिरोध मई 2020 की शुरू हुआ था. दोनों पक्षों ने गतिरोध वाले बिंदुओं से कई सैनिकों को हटाया है, लेकिन इसके बावजूद अभी तक सीमा विवाद का पूर्ण समाधान नहीं निकला है.

जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘जब तक स्थिति बहाल नहीं होती है, हालात संवेदनशील बने रहेंगे और हम किसी भी प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.’ उन्होंने कि चीन काफी समय से हमारे मन में कौतूहल पैदा कर रहा है. मैं कह रहा हूं कि चीन के साथ मुकाबला करना है तो आपको सहयोग करना होगा, आपको एक साथ रहना होगा, आपको मुकाबला करना होगा.

बता दें कि भारत और चीन ने पूर्वी लद्दाख में LAC पर गतिरोध का जल्द से जल्द समाधान तलाशने के उद्देश्य से जुलाई और अगस्त में दो चरणों में कूटनीतिक वार्ता की थी. उन्होंने कहा, ‘कूटनीतिक वार्ता से सकारात्मक संकेत मिल रहा है, लेकिन हमें यह समझने की आवश्यकता है कि कूटनीतिक वार्ता विकल्प और संभावनाएं देती हैं. लेकिन जब जमीनी स्तर पर लागू करने की बात आती है तो इसका निर्णय लेना दोनों पक्षों के सैन्य कमांडरों पर निर्भर करता है.’ 

LAC के बास चीन बसा रहा बस्तियां
सेना प्रमुख ने कहा कि एलएसी के पास चीन आर्टिफिशियल इमिग्रेशन कर रहा है. वह बस्तियां बसा रहा है. हमें कोई दिक्कत नहीं है, वह उनका देश है. भारत के पास भी सीमावर्ती क्षेत्रों में मॉडल गांव हैं. जनरल द्विवेदी ने कहा, ‘लेकिन सबसे महत्वपूर्ण है कि अब राज्य सरकारों को भी उन संसाधनों के इस्तेमाल का अधिकार दे दिया गया है और यही वह समय है, जब सेना, राज्य सरकारें और केंद्र सरकार का निगरानी तंत्र एक साथ आ रहा है.’ 


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उन्होंने कहा कि अब जो मॉडल गांव बनाए जा रहे हैं, वे और भी बेहतर होंगे. उन्होंने कहा कि कोई भी चीनी आबादी LAC के करीब नहीं है और यही वजह है कि बीजिंग ‘कृत्रिम आप्रवासन’ कर रहा है. सेना प्रमुख ने यह भी उदाहरण दिया कि कैसे चीनी मछुआरे पहले दक्षिण चीन सागर में आए और फिर सेना पहुंची. पिछले महीने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच इस विवाद को सुलझाने को लेकर सेंट पीटर्सबर्ग में बैठक हुई थी.  

बता दें कि जून 2020 में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिक भिड़ गए थे. इस गतिरोध को सुलझाने के लिए कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन अभी तक दोनों देशों के बीच कोई समाधान नहीं निकल पाया है. (PTI इनपुट के साथ)

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army chief uprendra dwedi says lac situation stable but sensitive galwan valley dispute ajit doval Xi Jinping
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फिर साजिश रच रहा 'ड्रैगन', LAC पर बसा रहा बस्तियां, आर्मी चीफ बोले- हम भी तैयार
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