डीएनए हिंदी: चीन से जारी सीमा विवाद के मुद्दे पर भारतीय सेना (Indian Army) के चीफ जनरल मनोज पांडे ने बड़ी रोचक टिप्पणी की है. जनरल पांडे (General Manoj Pandey) ने कहा है कि चीन के बारे में हम सब जानते हैं कि वह कहता कुछ है और करता कुछ है. इसलिए उसकी कही और लिखी-पढ़ी बातों पर नहीं, हम उसके ऐक्शन पर नज़र रखते हैं. 'चाणक्य डायलॉग्स' नाम के कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में हालात स्थिर हैं लेकिन अप्रत्याशित हैं. उन्होंने यह भी बताया कि चीन के साथ 17वें दौर की वार्ता जारी है और सात में से पांच बिंदुओं पर बातचीत करके उनका हल निकाला जा चुका है.
जनरल पांडे ने कहा कि भारत और चीन के बीच अगले दौर की सैन्य वार्ता में विवाद के बचे हुए दो बिंदुओं से जुड़े मुद्दों को हल करने पर ध्यान होगा. ऐसा माना जा रहा है कि उन्होंने डेमचोक और देपसांग का जिक्र करते हुए यह बात कही. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि इस क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सैनिकों की संख्या में कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन सर्दियों की शुरुआत के साथ कुछ पीएलए ब्रिगेड के लौटने के संकेत हैं लद्दाख के मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में जनरल पांडे ने कहा, 'अगर मुझे इसे (हालात को) एक वाक्य में परिभाषित करता हो, तो मैं कहूंगा कि स्थिति स्थिर लेकिन अप्रत्याशित है.'
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#WATCH | We all know what the Chinese say and what they do is quite different. It is also a part of their nature and character. We need to focus on their actions rather than what is on their texts or scripts or their articulation: Army Chief General Manoj Pande pic.twitter.com/HV9Ue4dfvB
— ANI (@ANI) November 12, 2022
'चीन की बातों और कार्रवाई में फर्क'
चीन के बारे में जनरल पांडे ने कहा, 'हम सब जानते हैं कि चीन जो बोलता है और जो करता है उसमें फर्क होता है. यही उनकी प्रकृति और काम करने का तरीका है. वो क्या कहते हैं या क्या लिखा होता है, हमें उस पर ध्यान नहीं देना चाहिए. हमें सिर्फ़ इस पर ध्यान देना चाहिए कि वे क्या कर रहे हैं. ऐसा करने पर ही हमसे कोई गलती नहीं होगी.'
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जनरल मनोज पांडे ने शनिवार को कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की जरूरत पर रोशनी डाली है. उन्होंने कहा, 'हमें आत्मनिर्भर होना होगा. हम अपनी ज़रूरतों और खास मांगों को पूरा करने के लिए काम करेंगे. भारत में शानदार दिमाग वाले युवा हैं और उन्हें आगे आना चाहिए और व्यक्तिगत, छोटी रेंज के हथियार, लंबी दूरी के रॉकेट, बख्तरबंद वाहन और समुद्री हथियार बनाने के लिए अपने सुझाव और विचार देने चाहिए.'
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लद्दाख पर बोले आर्मी चीफ- चीन कहता कुछ और करता कुछ है, हालात स्थिर लेकिन अप्रत्याशित हैं