आर्टिकल 370 (Article 370) खत्म होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार लोकसभा चुनाव हो रहा है. इस बार अनंतनाग की सीट पर तीसरे फेज जम्मू यानी सात मई को अनंतनाग-राजौरी सीट पर चुनाव होगा.बीजेपी ने इस सीट से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती इस सीट से उम्मीदवार हैं. दूसरी ओर गुलाम नबी आजाद की पार्टी से डीपीएपी के उम्मीदवार एडवोकेट मोहम्मद सलीम पर्रे भी मैदान में हैं.नेशनल कान्फ्रेंस के उम्मीदवार मियां अल्ताफ अहमद लारवी भी मैदान में हैं.
त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है
इस सीट पर मुकाबला पीडीपी (PDP) की महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस और गुलाम नबी आजाद की पार्टी के उम्मीदवार सलीम पर्रे के बीच हो सकता है. अनंतनाग में वोटिंग प्रतिशत पर भी नजर रहेगी, क्योंकि अब तक इस क्षेत्र में वोटिंग का प्रतिशत देश के दूसरे हिस्सों की तुलना में काफी कम रहा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उम्मीदवार पहली बार सांसदी का चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन वह इस क्षेत्र से 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. उनके पिता और दादा भी प्रदेश की राजनीति का चर्चित नाम हैं.
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अनंतनाग सीट को लेकर ही बिखर गया इंडिया अलायंस
अनंतनाग की इस हॉट सीट को लेकर ही इंडिया अलायंस जम्मू और कश्मीर में टूटा है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच इस सीट को लेकर बात नहीं बनी. नतीजा के तौर पर पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों ने अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. इस संसदीय क्षेत्र में 40 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर यह इलाका अब तक काफी पिछड़ा है. गरीबी और बेरोजगारी जैसी समस्याएं भी यहां हैं.
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अनंतनाग से महबूबा मुफ्ती पहुंचेंगी संसद या इस बार होगा उलटफेर?