डीएनए हिंदी: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने मंगलवार को अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग ‘सपने बेचते’ हैं वे गुजरात में कभी नहीं जीतेंगे. गुजरात में इस साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं.
अमित शाह ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) दो-तिहाई बहुमत के साथ गुजरात में एक बार फिर सरकार बनाएगी.
अमित शाह ने गांधी नगर में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'सपने बेचने वालों को गुजरात में कभी चुनावी सफलता नहीं मिलेगी. मैं गुजरात के लोगों को जानता हूं. सपने बेचने वालों को गुजरात में कभी सफलता नहीं मिल सकती क्योंकि जनता उन्हीं का समर्थन करती है जो काम करने में विश्वास रखते हैं. इसलिए लोग भाजपा के साथ हैं. भाजपा शानदार जीत हासिल करेगी.'
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अमित शाह ने कहा, 'मैं भूपेंद्रभाई से कहना चाहता हूं कि गुजरात की जनता भाजपा के साथ है. मैं बहुत स्पष्ट रूप से देख सकता हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आपके नेतृत्व में भाजपा आगामी चुनावों में एक बार फिर दो-तिहाई बहुमत के साथ सरकार बनाएगी.'
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गुजरात में क्या कदम जमा सकेगी AAP?
पंजाब विधानसभा चुनावों में मिली जीत के नतीजों से आम आदमी पार्टी बेहद उत्साहित है. आम आदमी पार्टी का अगला निशाना अब गुजरात और हिमाचल प्रदेश पर है. पंजाब का पड़ोसी राज्य होने की वजह से हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी को बढ़त मिल सकती है लेकिन गुजरात की स्थिति अलग है.
अगर अब तक के चुनावी पैटर्न पर नजर डालें तो जिन राज्यों में बीजेपी की पकड़ मजबूत है, उन राज्यों में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन शून्य है. दिल्ली अपवाद है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विधानसभा चुनावों में AAP खाता तक नहीं खोल सकी थी. न तो प्रचार में कमी थी न ही योजनाओं की घोषणा में. यूपी में तो संजय सिंह डेरा डालकर बैठे थे.
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BJP के खिलाफ AAP का काउंटर प्लान है कमजोर!
गुजरात बीजेपी का अभेद्य दुर्ग बन गया है. 27 साल के कोई पार्टी यहां जड़ नहीं जमा सकी है. कांग्रेस कड़ी टक्कर देती रही है लेकिन बहुमत में बीजेपी रहती है. AAP यहां थर्ड फ्रंट की तरह है. दिल्ली के मुफ्त स्कूल, अस्पताल और बिजली का मॉडल यहां भी अरविंद केजरीवाल लेकर आए हैं. इन्हीं योजनाओं के साथ वह यूपी और उत्तराखंड में गए थे. बीजेपी की चुनावी रणनीति के आगे आप के सभी चुनावी तीर नाकाफी साबित हुए थे. बीजेपी राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के मुद्दे को लेकर हर पार्टी पर भारी पड़ती है.
राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि बीजेपी गुजरात मॉडल के भरोसे पूरे देश में सरकार बना रही है. ऐसे में उसके सामने AAP मॉडल कहां तक टिकेगा यह आने वाला कल ही तय करेगा. गुजरात में नवंबर में चुनाव हो सकते हैं. ऐसे में AAP बीजेपी के खिलाफ काउंटर रणनीति कैसी तैयार करती है, इस पर काफी कुछ निर्भर करता है. फिलहाल AAP के लिए गुजरात में राह आसान नहीं है.
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कहीं गुजरात में सपनों के सौदागर ही न रह जाएं अरविंद केजरीवाल, क्या गुजरात में पांव जमा सकेगी AAP?