DGMO Powers: डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन यानी DGMO. बीती शाम विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने जानकारी दी कि भारत और पाकिस्तान के DGMO के बीच युद्ध विराम यानी Ceasefire की सहमति बनी है. पाकिस्तान इस सीज़ फायर का पालन कुछ घंटे ही कर पाया. चलिए जानते हैं कि डीजीएमओ कौन होते हैं और उनके पास क्या-क्या ताकतें होती हैं.
अभी कौन हैं भारत के DGMO
वर्तमान में भारत के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई हैं. वह इंडियन मिलिट्री एकैडमी के एलुमनी हैं. साल 1989 में वो सेना के कुमाऊं रेजिमेंट में कमिशन हुए थे. वह सेना में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं. जम्मू-कश्मीर में वह कर्नल जनरल स्टाफ के तौर पर काउंटर इंसर्जेंसी ऑपरेशन में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वह, सेना मुख्यालय के मिलिट्री ऑपरेशन डायरेक्टरेट में ब्रिगेडियर के तौर पर तैनात रहे. DGMO के तौर पर नियुक्त होने से पहले वह चिनार कोर के कमांडर रहे.
क्या होती है DGMO की ताकत
देश में चल रहे सभी मिलिट्री ऑपरेशंस की जिम्मेदारी DGMO की होती है. थल, वायु और जल- तीनों सेनाओं की सैन्य कार्रवाई उनकी निगरानी में होती है. ऑपरेशंस के लिए रणनीति तैयार करने से लेकर, उससे जुड़े छोटे-बड़े सभी फैसले DGMO ही लेते हैं. वह तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बनाने का भी काम करते हैं. इसके साथ ही ऑपरेशन की हर जानकारी उन तक पहुंचाई जाती है.
कितनी होती है DGMO की सैलरी?
डीजीएमओ की सैलरी 2.25 लाख प्रति महीने के आसपास होती है. इस सैलरी के साथ-साथ उन्हें सरकारी घर, सुरक्षा, गाड़ी जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं.
अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से.
- Log in to post comments

कौन होते हैं DGMO? क्या-क्या होती है ताकत? जानिए सैलरी और सारी डिटेल