यूपी की सियासत का खेल अलग ही मुकाम पर पहुंच चुका है. मंदिर-मस्जिद, औरंगजेब-राणा सांगा के बाद अब गौशाला की एंट्री हो गई है. सपा प्रमुख अखिलेश यादव के 'गौशाला की दुर्गंध' बनाम 'इत्र की सुगंध' वाले बयान पर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी ने इसे सनातन धर्म का अपमान बताया है. अखिलेश ने कहा कि बीजेपी गौशाला के जरिए दुर्गंध फैलाने काम कर रही है. जबकि समाजवादी पार्टी को सुगंध पंसद है, इसलिए इत्र पार्क बनवा रही थी. 

अखिलेश यादव ने कन्नौज में कहा, 'बीजेपी ने नफरत की बदबू फैलाई है. जबकि हम भाईचारे की खुशबू फैलाते हैं. मैं कन्नौज के लोगों से आग्रह करूंगा कि भाजपा द्वारा फैलाई गई बदबू को दूर करें. कुछ हद तक दूर हो चुकी है. लेकिन अगले चुनाव तक इसे पूरी तरह खत्म कर देना है, ताकि कन्नौज का विकास आगे बढ़ सके.' 

सांड पकड़ने का काम कर रही सरकार

सपा प्रमुख ने गौशाला के मुद्दे पर भी बीजेपी पर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा, 'भाजपा के लोग दुर्गंध पसंद करते हैं, इसलिए गौशाला बना रहे हैं. हम सुगंध पसंद कर रहे थे, इसलिए इत्र पार्क बना रहे थे. यूपी की योगी सरकार प्रदेश में सांड पकड़ने का काम कर रही है या नहीं? उसके नाम पर भी पैसे खाए जा रहे हैं.'

बीजेपी ने किया पलटवार

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि किसान, खासकर ग्वाल के बेटे को अगर गाय के गोबर से दुर्गंध आने लगे तो समझना चाहिए कि वह अपनी जड़ों और समाज से पूरी तरह कट चुका है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को अगर गोबर से दुर्गंध आ रही है, तो उनकी पार्टी का भी समाप्त होना तय है. वहीं, संबित पात्रा ने कहा कि अगर किसी को हिंदुस्तान में रहकर गौ माता से दुर्गंध आती है, तो उसे वह भूमि ढूंढनी चाहिए, जहां सनातन धर्म न हो.

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Akhilesh Yadav smell of cowshed vs smell of perfume statement Controversy BJP flares up
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इत्र के शहर में दुर्गंध की बात बोलकर फंस गए अखिलेश यादव, भाजपा ने दिलाई 'मां' की
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इत्र के शहर में दुर्गंध की बात बोलकर फंस गए अखिलेश यादव, भाजपा ने दिलाई 'मां' की याद
 

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