लोग आगरा जाकर ताजमहल की खूबसूरती का दीदार करते हैं. लोगों को वहां शाम के समय का मनमोहक नजारा भी खूब भाता है. पर्यटक महताब बाग के पास मौजूद ग्यारह सीढ़ी पार्क से सुरमई शाम का लुत्फ उठाते हैं, लेकिन पर्यटक अब इस सांझ की अद्भुत बेला का आनंद अब नहीं उठा सकेंगे. दरअसल इस पार्क को लेकर एक किसान पिछले 40 सालों से अपनी दावेदारी पेश कर रहा था. इन चार दशकों में उसका पूरा परिवार कोर्ट में जमीन पर अधिकार की लड़ाई लड़ता रहा. अब फैसला कोर्ट से उसके हक में आया है. साथ ही जहां से लोग ताजमहल की सुरमई शाम का आनंद लेते थे, उसे आम लोगों के लिए वर्जित कर दिया गया है.
क्या है पूरा मामला?
कोर्ट से इस जमीन का मालिकाना हक मिलते ही किसान मुन्ना लाल ने दो कदम आगे पढ़ते हुए, जमीन के पूरे रकवे की जुताई कर दी. कुल जमीन का रकवा 6 बीघा का है. इसे किसान और उसके परिजनों ट्रैक्टर से जुतवा दिया है. पार्क में बैरिकेडिंग कर के अपने इलाके को चिन्हित किया है, उसकी सारी कवायद अपनी जमीन की सुरक्षा की है. साथ ही वहां एक बैनर भी लगवा दिया है. इस बैनर पर लिखा है कि ये जमीन किसान की है, ये प्रशासन की ओर से किसान को मिली है. भीतर जाना वर्जित है.
किसान और प्राधिकरण में अभी भी तकरार!
वहीं इस मामले को लेकर आगरा की संभागीय आयुक्त की ओर से स्टेटमेंट जारी किया गया है. आयुक्त का नाम रितु माहेश्वरी है. उन्होंने इसको लेकर कहा कि 'ये भूमि आगरा विकास प्राधिकरण (ADA) के अधिकार क्षेत्र के तहत है. हाल में हुए यहां पर घटना की जांच की जा रही है.' वहीं मुन्ना लाल की ओर से बताया गया कि उनके पिता और चाचा भूमि के 'पंजीकृत काश्तकार' थे. साल 1976 में इस जमीन को अर्बन सीलिंग के तहत सीलिंग में चली गई थी.
ख़बर की और जानकारी के लिए डाउनलोड करें DNA App, अपनी राय और अपने इलाके की खबर देने के लिए जुड़ें हमारे गूगल, फेसबुक, x, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और वॉट्सऐप कम्युनिटी से
- Log in to post comments
UP: अब नहीं देख पाएंगे ताजमहल की 'सुरमयी शाम', किसान ने कोर्ट में जीता केस, जुतवा दी पूरी जमीन