डीएनए हिंदी: चंद्रयान-3 की सफल लॉन्चिंग के बाद अब इसरो सूर्य का अध्ययन करने को तैयार है. भारत के सूर्य मिशन आदित्य एल - 1 की लांचिंग की तारीख का ऐलान हो गया है. इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाईजेशन (ISRO) ने बताया कि मिशन को भारतीय समयानुसार श्रीहरिकोटा से सुबह 11:50 पर लॉन्च किया जाएगा. देशवासी लॉन्चिंग को लाइव देखने के लिए रजिस्टर कर सकते हैं. इसरो चीफ एस सोमनाथ पहले ही इसको लेकर जानकारी दे चुके हैं.
इसरो ने एक्स पर पोस्ट किया कि PSLV-C57/ आदित्य-L1 मिशन. आदित्य-L1 मिशन, पहली स्पेस आधारित ऑबजर्वेट्री जो सूर्य की स्टडी करेगा. ये दो सितंबर 2023 को भारतीय समयानुसार 11.50 बजे श्रीहरिकोटा से लॉन्च होगा. नागरिक श्रीहरिकोटा लॉन्च व्यू गैलेरी से लॉन्चिंग का गवाह बन सकते हैं. इसके लिए आप https://lvg.shar.gov.in/VSCREGISTRATION/index.jsp पर रजिस्टर कर सकते हैं.
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🚀PSLV-C57/🛰️Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) August 28, 2023
The launch of Aditya-L1,
the first space-based Indian observatory to study the Sun ☀️, is scheduled for
🗓️September 2, 2023, at
🕛11:50 Hrs. IST from Sriharikota.
Citizens are invited to witness the launch from the Launch View Gallery at… pic.twitter.com/bjhM5mZNrx
क्या है आदित्य-एल1 का उद्देश्य?
आदित्य एल -1 मिशन से अंतरिक्ष में मौसम की गतिशीलता, सूर्य के तापमान, पराबैगनी किरणों के धरती, खासकर ओजोन परत पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया जा सकेगा. वैज्ञानिकों का मानना है कि मिशन के तहत अलग-अलग तरह के डाटा को जुटाकर ऐसी व्यवस्था बनाई जा सकेगी जिससे धरती को होने वाले नुकसान के बारे में पहले से अलर्ट किया जा सकेगा. आदित्य एल1 मिशन के लिए एक जरूरी टूल ‘सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप’ (SUIT) को पुणे स्थित इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) ने तैयार किया है.
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जनिए आदित्य एल-1 मिशन की खासियतें
आईयूसीएए के साइंटिस्ट और एसयूआईटी के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर प्रो. दुर्गेश त्रिपाठी ने बताया कि आदित्य-एल1 मिशन सात पेलोड लेकर जाएगा, जो अलग-अलग वेव बैंड में फोटोस्फेयर (प्रकाशमंडल), क्रोमोस्फेयर (सूर्य की दिखाई देने वाली सतह से ठीक ऊपरी सतह) और सूर्य की सबसे बाहरी परत (कोरोना) की जानकारी मुहैया कराएंगे. इसके साथ उन्होंने जानकारी दी कि इसरो का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 सूरज की तरफ 15 लाख किलोमीटर तक जाएगा. इसके साथ उन्होंने कहा कि इससे पहले दुनिया में किसी भी देश ने इस तरह से पराबैंगनी किरणों की स्टडी नहीं की थी.
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Aditya-L1 Mission: आदित्य एल-1 के लॉन्च की तारीख तय, ISRO ने किया ऐलान