डीएनए हिंदी: आम आदमी पार्टी (AAP) को फ्री पॉलिटिक्स रास आ गई है. दिल्ली (Delhi) और पंजाब (Punjab) में मिली जीत के बाद अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को लगने लगा है कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रवाद की तुलना में जनवाद ही ऐसा काउंटर प्लान है, जिसे अपनाने पर जनता साथ दे सकती है. आम आदमी पार्टी ने पहले कट्टर राष्ट्रवादी वाला फंडा अपनाया फिर राम भक्ति की राह पर पार्टी आगे बढ़ी लेकिन हथियार सिर्फ पॉलिटिक्स को ही बनाया.
एक बार फिर हिमाचल प्रदेश में AAP फ्री पॉलिटिक्स की राह पर निकल पड़ गई है. शुक्रवार को पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कहा है कि अगर विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जीत मिलती है तो 6,00,000 लोगों को सरकारी नौकरी दी जाएगी और बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलने तक 3,000 रुपये प्रति महीने भत्ता दिया जाएगा.
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युवा आबादी को भी रास आ सकती है AAP की योजना
आम आदमी पार्टी अगर इन योजनाओं को जनता तक ले जाने में सफल हो जाती है तो जाहिर तौर पर युवा आबादी आकर्षित हो सकती है. AAP भ्रष्टाचार को भी चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में जुटी है. AAP ने कहा कि राज्य में इंसपेक्टर राज और राजनीतिक भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए व्यापारियों तथा पर्यटन उद्योग के लिए एक परामर्श बोर्ड गठित किया जाएगा.
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बुजुर्गों को फ्री तीर्थयात्रा कराएगी AAP
आम आदमी पार्टी ने वरिष्ठ नागरिकों को उनकी इच्छा के मुताबिक धार्मिक स्थल की मुफ्त तीर्थयात्रा कराने का भी वादा किया. पार्टी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश को दिल्ली की तर्ज पर भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाएगा.
पंचायतों के लिए ये है AAP की तैयारी
आम आदमी पार्टी ने कहा है कि अपने नेताओं ने सत्ता में आने पर पंचायत अध्यक्षों के लिए 10,000 रुपये मासिक वेतन और हर पंचायत को विकास कार्यों के लिए 10 लाख रुपये का अनुदान देने का भी वादा किया है. आम आदमी पार्टी की रणनीति को देखने के बाद यह साफ हो गया है कि सबसे मजबूत हथियार फ्री पॉलिटिक्स ही है.
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