उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक हैरान कर देने वाली खबर आ रही है, जहां 11 साल पहले कानपुर पुलिस की 90 साइकिलें चोरी हो जाती हैं. इनका उद्देश्य था कि संकरी गलियों और भीड़भाड़ वाले बाजारों में पुलिस आसानी से जा सके साथ ही पुलिसवालों का स्वास्थ भी अच्छा रहेगा.
2013 में खरीदी गईं थी साइकिलें
अक्सर ऐसा ही होता है कि पुलिस चोरी की वारदात दर्ज करती है और चोरों को पकड़ती है. लेकिन उत्तर प्रदेश के कानपुर में ये बात उल्टी पड़ गई. यहां खुद पुलिस की 90 साइकिलें चोरी हो गईं. आपको बता दें ये साइकिलें 11 साल से लापता हैं. 2013 में ये साइकिलें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यशस्वी यादव के आग्रह पर कानपुर विकास प्राधिकरण ने उपलब्ध कराईं थीं. अब 13-13 हजार रुपये की कीमत वाली इन साइकिलों की फिर से तलाश की जा रही है.
फिर क्यों शुरू हुई जांच
दरअसल, लोकसभा चुनाव के दौरान पुलिस अफसरों को संकरी गलियों और सड़कों में जानें में परेशानी होती है. ऐसे में अब फिर इन साइकिलों की याद आई है. जांच में पता चला कि जिन थानों को ये साइकिलें दी गईं थीं, उन थानों में साइकिलें हैं ही नहीं. अब अधिकारियों ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. पता किया जा रहा है कि साइकिलें कहां और किस हालत में हैं.
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जानकारी के अनुसार, आधुनिक डिजाइन, ट्यूबलेस टायर, गीयर वाली इन रेंजर साइकिलों में बाइकों की तरह शॉकर लगे थे. शहर के एक बड़े साइकिल कारोबारी से 90 साइकिलें खरीदी गईं थी. पहले भी इन साइकिलों को ढूंढने की कोशिश की गई थी पर कुछ पता नहीं चला. अब पुलिस ने फिर से 11 साल पहले गायब हुईं 90 साइकिलों को ढूंढना शुरू कर दिया है.
खास बात यह है कि जिन पुलिस कर्मियों को साइकिल दी गई थी उन्हें सफेद-काली वर्दी के साथ लाल कलर का हेलमेट भी दिया गया था. सिपाहियों को वायरलेस भी मिला था ताकि जरूरत पड़ने पर थाने में सूचना दे सकें. अब एस मामले में फिर से जांच और पूछताछ की जा रही है.
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11 साल पहले चोरी हुईं 90 साइकिलें, अब क्यों ढूंढने में जुटी यूपी पुलिस