डीएनए हिंदी: सऊदी अरब में झारखंड के 45 प्रवासी मजदूर फंसे हुए हैं. उन्होंने वीडियो शेयर कर केंद्र सरकार और राज्य सरकार से मदद की अपील की है. मजदूरों का कहना है कि पिछले 5 महीना से उन्हें कंपनी द्वारा मजदूरी का भुगतान भी नहीं किया गया है और खाने-पीने के लिए भी कुछ नहीं दिया जा रहा है. मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपनी कहानी बयां की हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, झारखंड से 45 मजदूर मजदूरी के लिए 11 में 2023 को सऊदी अरब गए थे. झारखंड के गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग के 45 प्रवासी मजदूर सऊदी अरब में फंसे हुए हैं. वीडियो में मजदूरों ने बताया है कि कमर्शियल टेक्नोलॉजी प्लस कंपनी उन्हें सऊदी अरब ले गई थी. इतना ही नहीं बल्कि सभी मजदूर 55 हजार रुपए का कमीशन देकर वहां गए थे. उन्होंने बताया कि भारत से सऊदी अरब आते वक्त एग्रीमेंट किया गया था कि उन्हें 1500 रियाल और ओवरनाइट का 700 रियाल का वादा किया गया था. उन्होंने बताया कि केवल 2 महीने का वेतन दिया गया है और पिछले पांच महीने का वेतन नहीं दिया गया है.
क्यों सऊदी अरब जाने को मजबूर हैं मजदूर?
इस मामले में प्रवासी मजदूरों के हित में काम करने वाले सिकंदर अली ने भारत सरकार और राज्य सरकार से मजदूरों की मदद करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि कम मजदूरी की वजह से लोग विदेश की ओर जा रहे हैं लेकिन वहां पर उन्हें कई तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र में ऐसे कई मजदूर हैं, जो इस तरह की लालच का शिकार हो रहे हैं.
जानिए मजदूरों के नाम
गिरिडीह जिले के बगोदर प्रखंड के तारानारी के अर्जुन महतो, भागिरथ महतो, टेकलाल महतो, बेको के संतोष साव, महेश साव, कामेश्वर साव, खेतको के महेश महतो, रीतलाल महतो, विजय महतो, मुंडरो के अशोक महतो जरमुने सोहन कुमार, डुमरी प्रखंड के बरियारपुर इंद्रदेव महतो, चैनपुर के राजेश कुमार महतो,पोरदाग गणेश साव, डुमरी के सुभाष कुमार और जानकी महतो शामिल हैं. वहीं, बोकारो जिले के नावाडीह प्रखंड के पोखरिया जगदीश महतो, गोनियाटो रामचंद्र महतो, गोमियां प्रखंड के करी के प्रदीप महतो, सीधाबारा के मनोहर महतो सऊदी अरब में फंसे हैं.
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सऊदी अरब में फंसे झारखंड के 45 मजदूर, वीडियो बनाकर सरकार से मांगी मदद