डीएनए हिंदी: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज नई दिल्ली पहुंच चुके हैं. कभी भारत और रूस के संबंधों को 'अटूट' कहा जाता था लेकिन बीते दो दशकों में काफी कुछ बदल गया है- भारत और अमेरिका के बीच अब नजदीकियां बढ़ी हैं जिसके बाद से ही भारत-रूस के संबंधों को लेकर काफी कयास लगाए जा रहे हैं. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के इस दौरे पर रक्षा सौदों और व्यापार घोषणाएं के अलावा कई वजहों को लेकर दुनियाभर की नजर रहेगी. चीन के लगातार उभार और अफगानिस्तान में तालिबान की वापसी के बाद रूस के राष्ट्रपति का ये भारत दौरा अपने आप में और भी ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है.

भारत-अमेरिका संबंध सबसे बड़ा विषय?

भारत और अमेरिका के बीच पिछले दो दशकों में संबंध काफी बेहतर हुए हैं. दोनों देशों के बीच व्यापार भी बढ़ा है और इसमें एक बड़ा हिस्सा भारत द्वारा अपनी रक्षा जरूरतों के लिए की जाने वाली हथियारों की खरीद का है. इसके अलावा राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की यात्रा के दौरान अमेरिका, भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान के गठजोड़ QUAD को लेकर भी चर्चाएं होने का अनुमान है. रूस के विदेश मंत्री इस समूह का गठन भारत के चीन के विरूद्ध इस्तेमाल को लेकर पहले ही बता चुके हैं.

QUAD के गठन के बाद से चीन तो चौकन्ना है. हाल के वर्षों में अमेरिका के चीन से संबंध खराब हुए हैं. पिछले साल से लद्दाख में LAC पर भारत औऱ चीन की सेनाओं के बीच तनाव है. ऐसे में भारत के साथ अमेरिका के बढ़ते संबंधों से भी रूस को समस्या है क्योंकि उसे डर है कि चीन के बहाने कहीं अमेरिका उसके लिए रोड़ा न बन जाए और भारत-रूस के संबंध खराब हो जाएं. चीन इस लिहाज से राष्ट्रपति पुतिन की इस यात्रा को बेहद नजदीक से देख रहा है.

अफगानिस्तान में भारत की एंट्री करवाएगा रूस!

बीती 15 अगस्त को काबुल में तालिबान की एंट्री के साथ ही कहा जाने लगा है कि भारत का अफगानिस्तान में निवेश डूब गया. पाकिस्तान लगातार ही ये कोशिश कर रहा है कि तालिबान के नेतृत्व वाले अफगानिस्तान में भारत की कोई भूमिका न हो लेकिन नई दिल्ली लगातार काबुल में अपने पैठ बनाने का प्रयास कर रही है. पाकिस्तान के रास्ते भारत का अनाज अफगानिस्तान पहुंचने का रास्ता पहले ही साफ हो गया है, अब भारत रूस के जरिए अफगानिस्तान में अपनी खोयी हुई जमीन पाने की कोशिश करने का प्रयास जरूर करना जाएगा. भारत और रूस पहले ही BRICS और SCO का हिस्सा हैं. ऐसे में इस यात्रा के दौरान दोनों देश इस गंभीर विषय पर काम करना चाहेंगे.

रक्षा सौदों और व्यापार पर रहेगी नजर

राष्ट्रपति पुतिन की इस यात्रा से पहले ही रूस भारत को S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम की सप्लाई शुरू कर चुका है.  S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम चीन और पाकिस्तान दोनों ही मोर्चों पर भारत के लिए काफी मददगार साबित होगा. हालांकि अमेरिका द्वारा CAATSA के तहत प्रतिबंध लगाने की बातों के बावजूद भारत इस सौदे पर आगे बढ़ा और अब ये डिफेंस सिस्टम भारत पहुंचने लगा है. बीते कुछ सालों में भारत द्वारा खरीदे जाने वाले हथियारों में रूस का हिस्सा कम जरूर हुआ है लेकिन अपनी इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति पुतिन निश्चित ही दोनों देशों के बीच व्यापार को और अधिक बढ़ाने का प्रयास करेंगे.

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Why Pakistan China and America are eyeing Russian President Vladmir Putin India visit
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क्यों रूस के राष्ट्रपति के भारत दौरे पर है अमेरिका, चीन और पाकिस्तान की नजर
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भारत आ रहे हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
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भारत आ रहे हैं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( Image Credit: Twitter/ANI)

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