डीएन हिंदीः क्या आपका बच्चा या आप बार-बार नाक में उंगली डालते हैं तो आपके लिए ये खबर बेहद खास है. आपकी ये आदत आपको दिमाग को अनजाने में ही नुकसान पहुंचा रही होती है और आपको इसका पता भी नहीं चलता. यही नहीं दिमाग की नसों और सेल्स को डैमेज करने का भी काम आप खुद कर रहे होते हैं.
बचपन से ही हमें सिखाया जाता है कि नाक-आंख और मुहं में उगली डालना न केवल एक खराब आदत है बल्कि कई बीमारियों का कारण भी, लेकिन कई बार यह जानते हुए भी बच्चे ही नहीं बड़े भी बार-बार नाक मे उंगली डालते रहते हैं और कई खतरनाक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं.
Arthritis Pain: ठंड में जोड़ों की जकड़न-सूजन और दर्द से बचना है तो आज से शुरू कर दें ये 7 काम
रिसर्च बताती है कि नाक में उंगली डालने या अंदर के बालनोंचने से आपको खतरनाक दिमागी बीमारी अल्जाइमर और डिमेंशिया के शिकार हो सकते हैं. इसमें दिमागी नसों में सिकुड़न होने लगती है.
क्या कहती है शोध?
साइंटिफिक रिपोर्ट्स में छपी ग्रिफिथ यूनिवर्सिटी की रिसर्च बताती है कि नाक में उंगली डालने से अल्जाइमर्स डिजीज और डिमेंशिया जैसी का खतरा दोगुना हो जाता है क्योंकि नाक में मौजूद ओलफेक्ट्री नर्व (olfactory nerve) दिमाग से सीधे तौर पर जुड़ा होता है और हाथ के जरिए कई वायरस व बैक्टीरिया सीधे दिमाग की कोशिकाओं तक पहुंच जाते हैं.
नाक में उंगली डालने से अल्जाइमर और डिमेंशिया
क्लेम सेंटर फॉर न्यूरोबायोलॉजी और स्टेम सेल रिसर्च सेंटर की रिपोर्ट में पाया गया कि चूहों के नाक में जब अल्जाइमर और डिमेंशिया का कारण बनने वाला बैक्टीरिया डाला गया तो ये नाक की नली से होते हुए उनके अंदरुनी दिमाग में पहुंच गया और फिर अल्जाइमर के लक्षण (Alzheimer's Disease Symptoms) जैसे संकेत मिलने लगे थे.
कैसे होता है अल्जाइमर और डिमेंशिया
अल्जाइमर रोग कैसे होता है? अल्जाइमर का कारण बनने वाले बैक्टीरिया का नाम क्लामाइडिया न्यूमेनिए (Chlamydia pneumoniae) है, जो निमोनिया का कारण भी बनता है. यह बैक्टीरिया नाक की नली से होते हुए नर्वस सिस्टम तक पहुंचता है और इससे दिमाग की सेल्स एमिलॉएड बीटा प्रोटीन का उत्पादन करने लगती हैं, जिससे अल्जाइमर रोग विकसित होने लगता है. बता दें कि डिमेंशिया व अल्जाइमर के मरीजों के मस्तिष्क में यह प्रोटीन पाया जाता है.
अल्जाइमर में सिकुड़ जाता है दिमाग
डिमेंशिया रोग क्या है? डिमेंशिया एक समूह है, जिसमें विभिन्न बीमारियों के कारण दिमाग को नुकसान पहुंचने पर दिखने वाले लक्षणों को शामिल किया जाता है. अल्जाइमर के लक्षण भी डिमेंशिया के अंदर ही आते हैं. मायोक्लीनिक के मुताबिक, अल्जाइमर एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें धीरे-धीरे दिमाग सिकुड़ने लगता है और मस्तिष्क की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं. इस बीमारी के कारण मस्तिष्क में मौजूद हिपोकैंपस हिस्सा सबसे पहले प्रभावित होता है, जो कि सीखने और याद रखने का काम करता है. एक अनुमान के मुताबिक, करीब 40 लाख भारतीयों को किसी ना किसी तरह का डिमेंशिया है.
वरुण धवन का बिगड़ गया है बैलेंस सिस्टम, एक्टर की इस रेयर बीमारी और लक्षण को जान लें
अल्जाइमर के शुरुआती लक्षण
- जगह या चीजों के नाम भूल जाना
- बार-बार एक ही चीज पूछना
- नई चीजें सीखने में हिचकिचाना
- चीजें या बातचीत को भूल जाना
- सामान रखकर भूल जाना
अल्जाइमर के मध्यम चरण के लक्षण
- भूलने की बीमारी गंभीर हो जाना, जैसे दिन का समय भूल जाना
- देखने, सुनने और सूंघने में दिक्कत होना
- भ्रम में रहना
- किसी काम को बार-बार करना
- बोलने या समझने में समस्या
- नींद ना आना
- मूड में बदलाव
पुरुषों में बढ़ रहा बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर, लुक और पर्सनैलिटी से जुड़ी है ये बीमारी
अल्जाइमर के गंभीर लक्षण
- धीरे-धीरे बोलने की क्षमता खो जाना
- पेशाब निकल जाना
- शॉर्ट और लॉन्ग टर्म मेमोरी लॉस, आदि
- खाने या निगलने में परेशानी होना
- बेवजह वजन घटना
Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर
- Log in to post comments
नाक में उंगली डालने से सिकुड़ने लगता है दिमाग, दिखे ये लक्षण तो तुरंत डॉक्टर से मिलें