डीएनए हिंदी : हर साल 18 मई को विश्व एड्स वैक्सीन दिवस या  HIV वैक्सीन जागरूकता दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है. इसकी शुरुआत हुई साल 1997 से जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने भाषण दिया जिसमें उन्होने HIV की रोकथाम और नियंत्रण के लिए टीके की आवश्यकता पर जोर दिया.इसके एक साल बाद 1998 से इसे हर साल मनाया जाता है. तो आईए जाने कि दुनिया और भारत के राज्यों में एड्स कितना घातक हो चुका है?

 

दुनिया और भारत में एड्स से संबंधित मौतें

यूएनएड्स के आंकड़ों के अनुसार, 2004 के बाद से, एड्स से संबंधित मौतों में 64% की कमी आई है. 2020 में, विश्व स्तर पर एड्स से संबंधित बीमारियों से लगभग 6,80,000 लोगों की मृत्यु हुई, जो 2004 में 1.9 मिलियन के उच्चतम स्तर से काफी कम था.

लगभग इसी तरह के रुझान भारत में भी दिखाई देते हैं। NACO के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में, एचआईवी से भारत में 51,000 मौतें हुई जो कि साल 2005 में 2.5 लाख मौतों से लगभग 80% कम है. 

 

कोविड के बाद HIV के लिए mRNA वैक्सीन पर अनुसंधान 

HIVसे दुनिया में मौतें कम हो रही हैं लेकिन अभी भी ये आकंडा बहुत ज्यादा है. इसलिए इससे निपटने के लिए वैक्सीन पर जोर दिया गया. ऐसा नहीं है कि पहले क्लिंटन के टीके पर जोर देने से पहले इस पर प्रयास नहीं किए गए. HIV से निपटने के लिए टीका विकसित करने का प्रयास 35 साल पहले शुरू हुआ था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (एनआईएच)1987 में अपना पहला क्लिनिकल परीक्षण शुरू किया था लेकिन अब तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी. 

लेकिन इसी बीच कोविड का टीका निर्माण दिखाई गई तेजी और उसकी अच्छे नतीजों को देखकर वैज्ञानिकों ने HIVके टीके के लिए भी mRNA वैक्सीन को लेकर काफी जोश है. इसी साल मार्च 2022 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID), ने मैसेंजरआर एन ए पर आधारित (mRNA) प्लेटफॉर्म पर आधारित तीन HIV टीकों का फेस वन का ट्रायल शुरु कर दिया है. 

 

 एचआईवी पीड़ितों के लिए  COVID 19 का जोखिम दोगुना 

इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के अध्ययनों से पता चला है कि HIV प्रभावित लोगों में बाकी आबादी की तुलना में COVID-19 से मरने का जोखिम दोगुना होता है.अफ्रीका दुनिया के  दो तिहाई (67%) एचआईवी संक्रमित लोगों का घर है लेकिन फिर भी अफ्रीका अपने लिए पर्याप्त COVID-19 टीके नहीं जुटा पाया है. Ourworldindata.org द्वारा नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीकी महाद्वीप में केवल 17% लोगों को ही डबल वैक्सीनेशन हो पाया है. 

 

देश में एड्स से संबंधित मौतों में आंध्र प्रदेश में सबसे ज्यादा 

देश के आधिकारिक आंकड़ें बताते हैं कि साल  2020 में, आंध्र प्रदेश (7070) में सबसे ज्यादा एड्स संबंधित मौतें दर्ज हुई.  इसके बाद महाराष्ट्र (4037) और कर्नाटक (4060), उत्तर प्रदेश (2000), बिहार (1077), तेलंगाना(1520) का नम्बर आता है. वहीं ओडिशा, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में भी अनुमानित ARD (एड्स से संबंधित मृत्यु) 1000 से ज्यादा थी. 

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महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा HIV पीड़ित

NACO के आंकड़ों के अनुसार, 2020 में भारत में HIV से पीड़ितों की संख्या करीब 23.19 लाख है. महाराष्ट्र में सबसे अधिक एचआईवी पीड़ित (3.90 लाख) है, इसके बाद आंध्र प्रदेश (3.03 लाख), कर्नाटक (2.55 लाख) का स्थान है.  इसके अलावा उत्तर प्रदेश (1.61 लाख), तेलंगाना, तमिलनाडु (1.58 लाख प्रत्येक), बिहार (1.30 लाख) और गुजरात (1.04 लाख) अन्य राज्य हैं जहां HIV पीड़ितों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है. 

पूर्वोत्तर राज्यों में HIV का प्रसार अधिक 

मिजोरम (2.37 %) नागालैंड (1.44%) और मणिपुर (1.15%) जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे अधिक HIV फैला हुआ है. इसके बाद आंध्र प्रदेश (0.66%), मेघालय (0.53%), तेलंगाना (0.48%) और कर्नाटक (0.45%) राज्य आते हैं. इन राज्यों के अलावा, दिल्ली, महाराष्ट्र, पुडुचेरी, पंजाब, गोवा और तमिलनाडु में भी वयस्कों में HIV का प्रसार राष्ट्रीय औसत (0.22%) से अधिक है. 

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World AIDS Vaccine Day these Indian states more prone to AIDS danger
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World AIDS Vaccine Day: भारत के इन राज्यों को है एड्स का सबसे ज़्यादा खतरा
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World AIDS Vaccine Day: भारत के इन राज्यों को है एड्स का सबसे ज़्यादा खतरा