डीएनए हिंदी: अब एक WhatsApp फोटो से एक मिनट में यह पता चल जाएगा कि आपकी आंखों की रोशनी कम होने की वजह मोतियाबिंद है या नहीं.जी हां इस बीमारी का पता लगाने के लिए अब एक नई तकनीक आ गई है.दिल्ली के एक प्राइवेट आई सेंटर में इस तकनीक का इस्तेमाल हो रहा है. आपकी आंखों की एक फोटो क्लिक की जाएगी और उस फोटो को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आधारित whatsApp पर अपलोड किया जाएगा. 30 सेकेंड से भी कम समय में चैट बॉट आपको बता देगा कि आपकी आंखों का मोतियाबिंद का नतीजा पॉजिटिव है या नेगेटिव
दिल्ली के Sharp sight centre के डायरेक्टर डॉ समीर सूद के मुताबिक ये तकनीक एल्गोरिदम पर आधारित है. इससे मिलने वाले नतीजों को डॉक्टरों ने अपने रेगुलर टेस्ट से मिलाकर भी देखा है.अब तक 10 हजार से ज्यादा टेस्ट किए गए हैं और नतीजे 92 फीसदी सही पाए गए है़ं.भारत में आंखों की रोशनी गंवाने वाले 70% लोगों की रोशनी मोतियाबिंद के कारण ही चली जाती है.स्क्रीनिंग के बाद 2-3 टेस्ट करके मरीज के मोतियाबिंद का स्तर पता लगाकर वक्त रहते उसका इलाज किया जा सकता है. (Cataract Surgery)
ये हैं वह तीन टेस्ट (How to do test for Cataract)
Slit lamp exam
Retina check up
Biometry of the eyes
New technique for Cataract operation
ये तकनीक हैदराबाद की आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस कंपनी ने बनाई है और दिल्ली के एक प्राइवेट आई केयर सेंटर से शेयर की है. इसके लिए फिलहाल कोई फीस नहीं वसूली जा रही है.गांव गांव में whatsApp से स्क्रीनिंग करके मरीजों को पहचाना जा रहा है.
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एक WhatsApp फोटो और एक मिनट बताएगा आपको कैटारेक्ट है या नहीं